कहीं दुल्हन के चेहरे पर पेंटिंग की जाती है तो कहीं सालों पहले शुरू हो जाती है बेटी के शादी के जोड़े की तैयारी.
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इस ड्रेस को बनाने के लिए मूल रूप से किमोनो का इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ स्ट्राइप्स वाले हकामा ट्राउजर और हाओरी ओवरकोट पहना जाता है. सिर पर भी एक फैंसी हैट जैसा कुछ पहना जाता है.
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यहां पारंपरिक तरीके से होने वाली शादियों में रंगीन कपड़े पहने जाते हैं. हर परिवार दूल्हा-दुल्हन के लिए अलग पैटर्न का कपड़ा चुनता है फिर उसी से दोनों की ड्रेस बनाई जाती है.
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मंगोलिया के लोग शादी में दील पहनते हैं. यह ड्रेस सदियों से वहां पहना जा रहा है. इसमें उनके देश की विविधता और संस्कृति की झलक नज़र आती है.
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पारंपरिक कजाकिस्तानी शादी में सिर पर एक टोपी पहनती हैं. इससे एक दुपट्टा जुड़ा होता है. कहा जाता है कि परिवार वाले बेटी की शादी के लिए काफी पहले से इस ड्रेस को बनाना शुरू कर देते हैं.
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इस ड्रेस की कीमत करीब 35 से 40 लाख रुपए होती है. बेहद सिंपल दिखने वाली ये ड्रेस उनकी संस्कृति को दिखाती है.
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गोरानी लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं. उनके ट्रेडिशन में पेगन के एलिमेंट्स भी शामिल होते हैं. इनमें दुल्हन को सफेद घोड़े पर लेकर आते हैं. एक स्कार्फ से उनका चेहरा छिपाया जाता है और एक सुंदर और सजा हुआ छाता दिया जाता है.
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यहां दुल्हन खूबसूरत बुनाई वाले कोट और हैट पहनती हैं. इनके कपड़े चमकदार और डार्क कलर के होते हैं. दूल्हा और दुल्हन दोनों के लिए खास स्कर्ट और पोंचू बनाया जाता है.
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बुल्गारिया में दुल्हन के चेहरे पर फेस पेंटिंग की जाती है. यह उनकी सालों पुरानी परंपरा है. इसमें चेहरे को अलग-अलग तरह से सजाया जाता है.
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कीनिया में दुल्हनों को बेहद पारंपरिक तरीके से सजाया जाता है. उन्हें बीड्स की जूलरी पहनाई जाती है.
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जर्मनी की दुल्हन के लुक में उनकी हैट बेहद खास होती है. जूलरी केनाम पर कानों में ईयर रिंग पहनाए जाते हैं. बाकी सभी एक्सपेरिमेंट ड्रेस पर ही किए जाते हैं.
Short Title
कहीं चेहरे पर फेस पेंटिंग तो कहीं घोड़े पर आती हैं दुल्हन