रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बाद से पूरी दुनिया की नजरें इन दोनों देशों और उनके सत्ता प्रमुखों पर टिकी हैं. एक तरफ रूस के राष्ट्रपति पुतिन हैं तो दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की. पुतिन को जहां दुनिया पहले से जानती और पहचानती रही है, वहीं जेलेंस्की का नाम युद्ध से पहले तक दुनिया भर में लोगों के लिए काफी नया था. लेकिन अब जिस तरह के हालात हैं उनमें एक्सीडेंट्ल प्रेजिडेंट रहे जेलेंस्की के एक नए ही रूप में सामने आए हैं. ऐसा रूप जो दुनिया का दिल जीत रहा है.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति खुद युद्ध का हिस्सा बनकर सेना का नेतृत्व कर रहे हैं. युद्ध के दौरान जेलेंस्की ने यूक्रेनी प्रधानमंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ एक वीडियो पोस्ट किया था. इस वीडियो में वह कहते नजर आए, 'हम सब यहां हैं अपने देश के लिए. हम यहीं रहेंगे. अपने देश के लिए लड़ेंगे.' वह जिस तरह युद्धग्रस्त यूक्रेन में भी सड़कों पर निकलकर अपने लोगों का साथ दे रहे हैं, इसे लेकर दुनिया भर में उनकी तारीफ हो रही है.
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एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि जेलेंस्की ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपने अधिकारियों से कहा था कि वह अपने दफ्तर में उनकी तस्वीरें ना लगाएं. उनका कहना था कि वह कोई आदर्श व्यक्ति या आइकन नहीं हैं. उनकी बजाय सरकारी अधिकारियों को अपने बच्चों की फोटो दफ्तर में लगानी चाहिए और उन्हें देखते हुए अपना हर फैसला करना चाहिए.
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जेलेंस्की के पुराने वीडियो देखें तो यह भी सामने आता है कि वह एक बेहतरीन डांसर हैं. इंटरनेट पर उनके ये वीडियोज खूब पसंद किए जा चुके हैं. इस वीडियो पर हाल ही में यूजर्स ने फिर से कई तरह के कमेंट्स किए. इनमें से एक कमेंट था- ऐसा कुछ नहीं जो जेलेंस्की ना कर सकें. उनमें मानवता और नेतृत्व क्षमता दोनों ही गुण हैं.
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एक आम व्यक्ति की तरह ही वह अपनी निजी जिंदगी से जुड़ी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहे हैं. इसी साल उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की थी. इसमें वह वर्कआउट करते नजर आ रहे थे. यह फोटो उन्होंने नए साल की पहली सुबह पर पोस्ट किया था. उन्होंने अपने बच्चों के बारे में बात करते हुए इस फोटो का कैप्शन लिखा था- डंबल अपना काम कर रहे हैं, पीटर सो रहा है, नोरा उबासी ले रही है. यह है नए साल का पहला ट्रेनिंग सेशन. सभी को गुडमॉर्निंग.
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युद्ध के दौरान यूक्रेन पर गहराते संकट को देखते हुए अमेरिका ने जेलेंस्की को देश छोड़कर सुरक्षित जगह जाने का विकल्प सुझाया था. मगर इस पर उन्होंने साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था,'मैं देश छोड़कर नहीं भागूंगा. आखिरी दम तक लड़ूंगा. आप बस मुझे हथियारों की मदद दे दीजिए.' उनके इस कदम की भी दुनिया भर में तारीफ हुई थी.