एडल्ट्री और समलैंगिकता को लेकर दुनिया के ज्यादातर देशों में माहौल बदल रहा है. बहुत से देशों में Homosexual Marriage की भी अनुमति है. कुछ ऐसे भी देश हैं जहां अब भी इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इन देशों में इन दोनों अपराधों के लिए पत्थर मारने से लेकर जेल जैसी कठोर सजाएं हैं.
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दुनिया के सबसे सख्त कानून वाला देश कहे जाने वाले सउदी अरब में समलैंगिकता और एडल्ट्री के खिलाफ भी बहुत सख्त कानून हैं. सउदी में समलैंगिक महिलाओं को पत्थरों से मारने की सजा है. अगर कोई महिला विवाहेतर संबंधों की दोषी पाई जाती है, तो भी इसी तरह की सजा का प्रावधान है.
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मिस्र में एडल्ट्री को लेकर महिला और पुरुष के लिए अलग कानून हैं. दोषी महिलाओं के लिए 2 साल और पुरुषों के लिए 6 महीने की सजा का प्रावधान है. समलैंगिकता को लेकर पिछले 1 दशक में कुछ बदलाव आए हैं. वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स रिपोर्ट्स का दावा है कि मिस्र में LGBTQ समुदाय को हिरासत में रखना, कठोर प्रताड़ना देने की घटनाएं आम हैं.
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बदहाल देशों में शुमार सोमालिया में समलैंगिकता और एडल्ट्री के खिलाफ सख्त कानून हैं. दोनों ही अपराधों में सार्वजनिक दंड की व्यवस्था है. इसके अलावा, इन अपराध में महिलाओं को दोषी पाए जाने पर किसी सार्वजनिक जगह पर पत्थरों से मार-मारकर जान से मारने का प्रावधान है.
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अफगानिस्तान के तालिबानी राज में समलैंगिकता और विवाहेतर संबंधों को कठोर अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इसमें सार्वजनिक स्थान पर अपराध की गंभीरता को देखकर बेंत या कोड़े मारने की सजा है.
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पाकिस्तान में भी समलैंगिकता और एडल्ट्री को अपराध माना जाता है. इन दोनों ही अपराधों को गंभीर और कम गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इसके तहत, कोड़े मारने से लेकर जेल की सजा का प्रावधान है.