श्रीलंका में प्रदर्शन लगातार तेज हो रहे हैं. हजारों की संख्या में भीड़ सड़कों पर उतर गई है. नाराज प्रदर्शनकारियों ने आज महिंदा राजपक्षे समेत कई मंत्रियों के घरों में आग लगा दी है. बेकाबू हालात पर काबू पाने की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं. श्रीलंका में गृहयुद्ध जैसी परिस्थितियां बन रही हैं. तस्वीरों में देखें हालात कितने भयावह होते जा रहे हैं.
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गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में हालात अब बेकाबू हो गए हैं. पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना और स्थानीय पुलिस स्थिति संभालने में जुटी है. इसके बावजूद आज प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे, मंत्रियों, सांसदों और मेयरों के घरों में आग लगा दी है. राजपक्षे के सरकारी आवास के बाहर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे हुए हैं. अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 150 घायल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या श्रीलंका गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा है?
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सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे कैबिनेट के मंत्री सनथ निशांत के घर में आग लगा दी है. महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद सोमवार को बवाल और हिंसा बढ़ गई है. राजपक्षे समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प की खबरें भी आ रही हैं. प्रदर्शनकारियों पर सरकार समर्थक समूहों ने हमला कर दिया है. हालात इतने खराब हो गए कि कोलंबो में सेना को तैनात किया गया है. आगजनी और झड़प में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद समेत कुल 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक घायल हैं.
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राजपक्षे ने अपने आवास से करीब 3000 समर्थकों को संबोधित किया था. उन्होंने देश के लिए कोई भी त्याग करने की बात करते हुए कहा कि कि वह 'राष्ट्र के हितों की रक्षा करेंगे.' इसके बाद राजपक्षे समर्थक बेकाबू हो गए और उन्होंने टेंपल ट्रीज आवास के सामने प्रदर्शनकारियों के कैंपों को गिरा दिया था. सरकार विरोधी बैनर व तख्तियों को जला दिया था. इसके बाद दोनों ही पक्षों के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई है. बता दें कि भारी विरोध के बाद राजपक्षे ने आज ही अपने पद से इस्तीफा दिया है.
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एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को कोलंबो में राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर राजपक्षे समर्थकों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा की शुरुआत राजपक्षे समर्थकों ने की है. खास तौर पर गांवों से बसों में भरकर हजारों की संख्या में आज राजपक्षे परिवार के समर्थकों को जुटाया गया था.
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श्रीलंका 1948 में आजादी मिलने के बाद से सबसे बुरी आर्थिक हालातों का सामना कर रहा है. चीन के कर्ज के जाल में फंसकर यह देश दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है. जरूरी सामान की कमी की वजह से महंगाई आसमान छू रही है. लोगों को राशन के लिए लाइन में लगना पड़ रहा है. आर्थिक संकट, महंगाई और बेरोजगारी जैसे हालात ने जनता को निराश कर दिया है. लोग महीनों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज भी प्रदर्शनकारियों ने टेंपल ट्रीज और राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर आग लगा दी है. प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे कैबिनेट के मंत्रियों, सांसदों और मेयरों के घरों को भी फूंक दिया है.