रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है और इसके साथ ही अटकलें भी चल रही हैं. कहीं परमाणु हमले की आशंका जताई जा रही है तो कहीं यूक्रेन के विभाजन तक के भी दावे किए जा रहे हैं. इन सबके बीच जरूरी बात है कि हालात का सटीक आकलन किया जाना चाहिए. अब तक के घटनाक्रम की 5 सबसे बड़ी बातों पर पढ़ें पुष्पेंद्र कुमार की रिपोर्ट...
Slide Photos
Image
Caption
यूक्रेन में रूस की सेना के घुसने से पहले पुतिन ने अपने संबोधन में कहा था कि USSR का विघटन हो गया है, रूस अपनी काफी क्षमता खो चुका है. आज का रशिया भी सबसे शक्तिशाली परमाणु शक्तियों में से एक है. पुतिन के इस बयान को परमाणु हमले की धमकी के तौर पर देखा जा रहा है. फ्रांस ने इसके जवाब में कहा है रूस को समझना चाहिए कि NATO के पास भी परमाणु हथियार हैं. अमेरिकी राष्ट्रपित बाइडेन ने इस मामले में सीधे-सीधे कुछ कहने से तो बचते नजर आए लेकिन उन्होने कहा कि मुझे नहीं पता वो क्या धमकी दे रहे हैं? मुझे पता है पुतिन ने क्या किया है?
Image
Caption
यूक्रेन की सड़कों पर रूस के मिलिट्री टैंक घूम रह हैं जिन पर Z लिखा है. इस Z के मतलब को लेकर अलग-अलग राय है. कुछ डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन और रूस के मिलिट्री इक्विपमेंट एक जैसे हैं. अपने टैंकों की पहचान के लिए Z से मार्किंग की गई है. हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये अलग टास्क फोर्स का मार्क है.
Image
Caption
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था रूस ने युद्ध चुना है. चीन के विदेश मंत्री ने चीन के हमले को यूक्रेन में INVASION नहीं माना है और उम्मीद जताई है कि यूक्रेन और रूस बातचीत करेंगे. यूनाइटेड किंगडम के पीएम बोरिस जॉनसन ने रूस के हमले को क्रूर और घिनौना बताया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है. यूरोपिय यूनियन ने रूस के हमले की निंदा करते हुए रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं. भारत के पीएम ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के जरिए हल निकालने की अपील की है.
Image
Caption
यूक्रेन के राष्ट्रपति के मुताबिक सैनिक और नागरिक मिलाकर कुल 137 लोगों की जान गई है. यूक्रेन में बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त नजर आ रही हैं. रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर रॉकेट से हमला किया है. यूक्रेन के विदेश मंत्री ने इसकी तुलना 1941 में नाजी के हमले से की है. यूक्रेन के नागरिक पड़ोसी देशों में पलायन करने को मजबूर हैं. सड़कों पर लोग रोते नजर आ रहा हैं, खुद को बचाने के लिए बंकर में छिपे हैं. परिवार बिछड़ रहे हैं. यूक्रेन में रह रहे दूसरे देशों के नागरिक अपने-अपने देश की सरकारों से खुद को बचाने की अपील कर रहे हैं. रूस में भी लोग पुतिन के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसकी वजह से 1000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया गया है.
Image
Caption
रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे इस युद्ध से न सिर्फ इन दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होगा. रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम उत्पादक देश है और नेचुरल गैस का निर्यात करने वाला बड़ा देश है. यूक्रेन पूरी दुनिया में अनाज की सप्लाई करने वाले बड़े देशों में से एक है. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के दूसरे दिन आज शुक्रवार को अर्ली ट्रेड में क्रूड ऑयल की कीमतों में 2% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई. इसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा. उधर रूस की करेंसी रूबल भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा है. हालांकि एशियन शेयर मार्केट में कल के मुकाबले आज थोड़ी तेजी देखने को मिली है. रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को इसके पीछे कारण माना जा रहा है.