कैथोलिक चर्च (Catholic Church) के प्रमुख पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने नए साल के मौके पर दुनिया को दिए गए संदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को खत्म करने की अपील की है. पोप फ्रांसिंस ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा ईश्वर का अपमान है.
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पोप फ्रांसिंस ने सेंट पीटर्स बेसिलिका (St. Peter's Basilica) के रोमन कैथोलिक चर्च में पोप फ्रांसिंस ने ये बातें कहीं हैं. नए साल की पूर्व संध्या पर शनिवार को पोप फ्रांसिस ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया लेकिन इसकी अध्यक्षता नहीं की. यह उम्मीद जताई जा रही थी कि पोप पूरे कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहेंगे. पोप ने महिला अधिकारों पर बड़ी बातें कहीं हैं.
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पोप फ्रांसिस ने मातृत्व और महिलाओं के विषयों के इर्द-गिर्द अपने नए साल शुरुआत की. पोप ने कहा कि ये महिलाएं ही थीं जिन्होंने जीवन के धागों को एक साथ रखा. पोप ने इसलिए ही अपील की महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म हो.
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पोप फ्रांसिंस ने कहा कि महिलाएं जीवन देती हैं. दुनिया को एकजुट रखती हैं. इसलिए सभी महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए और महिलाओं की रक्षा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रयास करें.
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ईसा की मां मरियम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ कितनी हिंसा रची गई. महिला को चोट पहुंचाना ईश्वर का अपमान है. कोई परी नहीं, मानवता का भार महिला पर है.
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पोप फ्रांसिंस ने एक इटैलियन टेलीवीजन प्रोग्राम में दिसंबर 2021 में कहा था कि जो पुरुष महिलाओं के खिलाफ हिंसा करते हैं वे लगभग शैतानी में शामिल होते हैं. दरअसल पोप ने एक महिला के संबंध में ये बातें कहीं थीं जिसे उसे पूर्व पति ने पीट दिया था.
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कोरोना महामारी (COVID-19) की शुरुआत 2 साल पहले हुई थी. पोप फ्रांसिस ने कई बार घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है, जो कई देशों में बढ़ गई है क्योंकि लॉकडाउन ने कई महिलाओं को पुरुषों द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है.