पाकिस्तान अब तक भारत के अफगानिस्तान को गेहूं भेजने के लिए रास्ता देने में अड़ंगे लगा रहा था. अब पाकिस्तान ने आखिरकार रोड़े अटकाना बंद कर दिया है. भारत का गेहूं अब फरवरी महीने के शुरुआती दिनों में पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान के लिए रवाना होना शुरू हो जाएगा. पाकिस्तान ने कई महीने की टालमटोल के बाद आखिरकार भारतीय गेहूं को अफगानिस्तान जाने की अनुमति दे दी है.
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पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान अब तक भारत और अफगानिस्तान के बीच सीधे दो तरफा व्यापार की अनुमति नहीं देता रहा है. पाकिस्तान कहना है कि उसने अफगानिस्तान के खराब मानवीय हालात को देखते हुए केवल एक बार के लिए 50 हजार टन गेहूं भेजने की अनुमति दी गई है. यह गेहूं वाघा बार्डर के जरिए काबुल को भेजा जाएगा. इससे पहले पाकिस्तान ने भारतीय सहायता में अड़ंगा लगाते हुए कहा था कि यह गेहूं वह पाकिस्तानी ट्रकों पर लादकर संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले अफगानिस्तान भेजने की अनुमति देगा.
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पाकिस्तान की इस नापाक चाल को भांपते हुए भारत ने एक और प्रस्ताव दिया था. भारत का प्रस्ताव था कि यह गेहूं या तो भारतीय अफगान ट्रकों के जरिए या फिर अफगान ट्रकों के जरिए भेजा जाए. अब कई दौर की बातचीत के बाद सहमति यह बनी है कि भारतीय गेहूं अफगान ट्रकों में लादकर ले जाया जाएगा और अफगानिस्तान के ठेकेदारों की सूची को पाकिस्तान के साथ साझा किया जाएगा.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने शुक्रवार को बताया कि सभी व्यवस्था कर ली गई है. पाकिस्तान भारत से भेजे जाने वाले पहले गेहूं से लदे ट्रकों की डेट का इंतजार कर रहा है. पाकिस्तानी अखबार ने दावा किया है कि यह गेहूं फरवरी के शुरुआती दिनों में भेजा जाएगा. सहमति के मुताबिक, भारत को कुल 30 दिनों के अंदर 50 हजार टन गेहूं को अफगानिस्तान भेजना होगा. माना जा रहा है कि तालिबानी विदेश मंत्री के दबाव में आकर पाकिस्तान को भारत की शर्त माननी पड़ी है.