Omicron संकट इस वक्त पूरी दुनिया में है और बड़े पैमाने पर इसे रोकने की कोशिश भी की जा रही है. फ्रांस और ब्रिटेन में रिकॉर्ड केस को देखते हुए आंशिक लॉकडाउन की तैयारी की जा रही है. अमेरिका में भी केसों की बढ़ती संख्या के बाद बड़े पैमाने पर पाबंदियां सख्त की गई हैं. ओमिक्रॉन संकट के बीच कौन से देश किस तरह से काम कर रहे हैं, जानें.
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ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं. क्रिसमस और न्यू ईयर की वजह से भी बड़े पैमाने पर संक्रमण देखने को मिला. ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह हर दिन 1 लाख से ज्यादा केस रिकॉर्ड किए गए हैं. फिलहाल ब्रिटेन में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है. लंदन के मेयर ऑफिस का कहना है कि पिछले साल की तुलना में देश मजबूत स्थिति में है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर रोज अडवाइजरी जारी की जा रही है.
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फ्रांस में कोविड-19 से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शनिवार को आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 10 मिलियन से ज्यादा कुल केस अब तक दर्ज हुए हैं. शनिवार को लगातार चौथे दिन 2 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. फ्रांस के सभी शहरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
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अमेरिका में भी पिछले एक सप्ताह से ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं. न्यूयॉर्क के सभी अस्पताल फुल बताए जा रहे हैं. शनिवार शाम तक अमेरिका में 2,600 से अधिक और दुनिया में लगभग 4,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी गईं. हालांकि, बाइडन प्रशासन ने फिलहाल नई पाबंदियों का ऐलान नहीं किया है.
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जर्मनी में भी कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी गई है. हालांकि, प्रशासन ने कहा है कि फिलहाल कोई नई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. वायरस के खतरे को देखते हुए नागरिकों से सभी प्रोटोकॉल फॉलो करने की अपील की जा रही है.
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दुनिया भर में बढ़ रहे कोविड के मामलों के बीच साउथ अफ्रीका से उम्मीद की खबर आ रही है. साउथ अफ्रीका में ही ओमिक्रॉन का पहला वेरिएंट मिला था. साउथ अफ्रीका ने 2 साल से देश में लागू नाइट कर्फ्यू को हटा दिया है. रात में रेस्टोरेंट में शराब पेश करने की भी अनुमति दी है. सरकारी बयान के अनुसार, देश कोरोना की चौथी लहर की पीक से गुजर चुका है.