उत्तर कोरिया (North Korea) एक बार फिर मिसाइल परीक्षण (missile test) के बाद अमेरिका (USA) के निशाने पर है. नए परीक्षण के बाद नॉर्थ कोरिया के खिलाफ अमेरिका ने नए प्रतिबंध लगा दिए हैं. अपने खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद नॉर्थ कोरिया ने पलटवार किया है.
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किम जोंग उन (Kim Jong Un) के नेतृत्व वाली उत्तर कोरिया सरकार ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर निशाना साधा और चेतावनी दी कि अगर अमेरिका अपने टकराव वाले रुख पर कायम रहता है तो उसके खिलाफ कड़ी और साफ कार्रवाई की जाएगी.
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उत्तर कोरिया के आधिकारिक न्यूज चैनल 'कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी' ने विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा कथित हाइपरसोनिक मिसाइलों (Hypersonic Missiles) का प्रक्षेपण आत्मरक्षा के लिए किया गया एक सही प्रयोग था.
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नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि नए प्रतिबंध अमेरिका के शत्रुतापूर्ण इरादे को साफ जाहिर करते हैं जिसका मकसद उत्तर कोरिया को अलग-थलग करना और उस पर दबाव बनाना है. अमेरिका लगातार उत्तर कोरिया को फोन करके कूटनीतिक संबंध बहाल करने का आग्रह कर रहा है.
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प्रतिबंधों से राहत देने पर मतभेद और परमाणु निरस्त्रीकरण (Nuclear Disarmament) को लेकर असहमति की वजह से दोनों देशों के बीच बातचीत पूरी तरह से ठप हो गई है. उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षणों के बाद जो बाइडन प्रशासन (Biden Administration) ने एशियाई देश के पांच अधिकारियों पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिए थे और कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र से भी और नए प्रतिबंध लगाने की मांग करेगा.
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अमेरिका के वित्त मंत्रालय के ऐलान करने के कुछ घंटे बाद ही उत्तर कोरिया ने कहा कि उनके नेता किम जोंग उन ने मंगलवार को हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण का निरीक्षण किया और उन्होंने दावा किया कि इससे देश को परमाणु हमला रोकने में काफी मदद मिलेगी.
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उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर बदमाश जैसा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर कोरिया की नई मिसाइल का विकास उसकी सेना के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा है. यह किसी खास देश को टार्गेट नहीं करता है या इससे उसके पड़ोसी देशों की सुरक्षा को खतरा नहीं है.
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नॉर्थ कोरिया ने यह भी कहा है कि अमेरिका जानबूझकर स्थिति को बिगाड़ रहा है कि जबकि अलग से प्रतिबंध लागू हैं और वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया की उचित गतिविधि का जिक्र करके भी संतुष्ट नहीं है.
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नॉर्थ कोरिया ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन कूटनीति और संवाद पर जोर देने का दिखावा करके उत्तर कोरिया को अलग-थलग करने और उस पर दबाव बनाने की अपनी नीति में जुटा है. अगर अमेरिका ने ऐसा टकराव वाला रुख अपनाना जारी रखा तो, उत्तर कोरिया उसके खिलाफ कड़ी एवं स्पष्ट कार्रवाई करने को मजबूर हो जाएगा.