दुनिया भर में अन्याय और ज्यादती के खिलाफ संघर्ष करनेवालों के बीच नेल्सन मंडेला हमेशा एक नायक की तरह रहे हैं. साउथ अफ्रीका ही नहीं वह दुनिया भर के लोगों के लिए आदर्श हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनके अंतिम संस्कार के मौके पर कहा था कि मंडेला के संघर्ष और सपनों ने पूरी दुनिया के लिए उम्मीद बनाई थी. ओबामा खुद भी मंडेला को अपना हीरो मानते थे. 27 साल तक जेल में रहने वाले मंडेला ने कारावास के मुश्किल और कठिन दिनों में रंगभेद के खिलाफ अपने संघर्ष के लिए उर्जा एक खास कविता से पाई थी. बर्थडे पर जानें उनके जीवन के कुछ ऐसे ही पहलुओं के बारे में.
Slide Photos
Image
Caption
इनविक्टस कविका ब्रिटिश कवि विलियम अर्नेस्ट हेनली की लिखी हुई है. नेल्सन मंडेला ने सीएनएन को दिए इंटरव्यू में बताया था कि यह कविता उनकी जिंदगी की प्रेरणा रही है. वह जेल में बार-बार इस कविता को पढ़ते थे क्योंकि उन्हें अन्याय और असमानता के खिलाफ लड़ने के लिए इससे प्रेरणा मिलती थी. मंडेला की जीवनी पर बनी फिल्मों में भी इस कविता का जिक्र किया जाता रहा है. कविता मंडेला को पूरी याद थी और उन्होंने कई बार खुद भी इसका पाठ बड़े मंचों से किया था.
Image
Caption
मंडेला का पूरा जीवन ही रंगभेद और असमानता के खिलाफ संघर्ष करने में बीता था. जेल से निकलने के बाद उन्होंने साउथ अफ्रीका ही नहीं पूरे विश्व की यात्राएं की थीं और उस दौरान वह न्याय और समानता को लेकर कही उनकी बातें आज इतिहास में दर्ज हैं.
उनके कुछ कोट बहुत प्रसिद्ध हैं, जैसे कि...
- शिक्षा दुनिया का सबसे मजबूत हथियार है. यही वह हथियार है जो किसी को डराती नहीं बल्कि आपको मजबूत करती है.
- गरीबी खत्म करना कोई दान करने जैसा काम नहीं है. यह न्याय है और इसे पूरी दुनिया में लागू होना चाहिए.
-रंगभेद को खत्म होना चाहिए और बराबरी सबके लिए होनी चाहिए. चाहे वह अश्वेत व्यक्ति हो या श्वेत. भेदभाव किसी के साथ नहीं होना चाहिए.
-मैं कितनी बार गिरा, यह महत्वपूर्ण नहीं है. गिरकर कितनी बार खुद खड़ा हुआ, यह महत्वपूर्ण है.
- जो सपने देखता है और उन्हें पूरा करने के लिए कदम उठाता है, वही विजेता बनता है.
Image
Caption
नेल्सन मंडेला ने अपनी जिंदगी के आखिरी वक्त तक सक्रियता बनाए रखी थी. उन्हें फुटबॉल का काफी शौक था और 2010 वर्ल्ड कप में उन्होंने खराब स्वास्थ्य के बाद भी फुटबॉल वर्ल्ड कप की ओपनिंग सेरेमनी में हिस्सा लिया था. साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रियता बनी रही थी. उन्होंने एड्स पीड़ितों और थर्ड वर्ल्ड के गरीब देशों में शिक्षा के लिए काफी काम किया था.
Image
Caption
नेल्सन मंडेला का असली नाम रोलीहलाहला मंडेला (Nelson Rolihlahla Mandela) था. मंडेला जब पहली बार स्कूल गए तो टीचर ने उनका नाम बदलकर नेल्सन कर दिया था. कहा जाता है कि उस समय स्कूलों में ज्यादातर अंग्रेज शिक्षक होते थे और वह स्थानीय आदिवासियों के नाम का उच्चारण नहीं कर पाते थे. इसी वजह से वह ज्यादातर बच्चों का नाम बदल देते थे.
Image
Caption
नेल्सन मंडेला पहले विदेशी थे जिन्हें भारत रत्न का सम्मान दिया गया था. साल 1990 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था. साल 1993 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिला था. मंडेला को दुनिया भर से कई सम्मान और अवॉर्ड मिले थे. उन्हें आधुनिक साउथ अफ्रीका का राष्ट्रपिता भी कहा जाता है. मंडेला साउथ अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे.
Image
Caption
नेल्सन मंडेला स्त्री-पुरुष संबंधों में बराबरी और समानता पर बहुत जोर देते थे. मंडेला ने पहली शादी 1944 में अपने आंदोलन में साथ काम करने वाली एवलिन नोटोको मसे से की थी. मंडेला और एवलिन के चार बच्चे हुए लेकिन यह शादी ज्यादा दिन चल नहीं सकी थी. 1958 में मंडेला ने विनी मेडिकिजेला से शादी की थी. 1996 में दोनों आपसी सहमति से अलग हो गए थ और 1998 में उन्होंने ग्रासा माशेल से शादी की थी.