इमरान खान इस वक्त चीन के दौरे पर हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आधिकारिक तौर पर तो विंटर ओलंपिक के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. इस दौरे के पीछे असल मकसद उनका चीन से कर्ज लेना है और रूस के राष्ट्रपति से मुलाकात करनी है. व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात के पीछे भी पाकिस्तान का उद्देश्य बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सैन्य सहयोग पाना है. इमरान खान ने इस मौके का इस्तेमाल भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ही किया है.
Slide Photos
Image
Caption
चीनी मीडिया से बात करते हुए इमरान खान ने कहा कि चीन-पाकिस्तान के बीच 70 साल से पुरानी दोस्ती है. चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर ने इसे और मजबूत बनाया है. उन्होंने चीन के विकास मॉडल की तारीफ करते हुए कहा, 'चीन ने पिछले 30 से 40 साल में 700 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है. चीन का उद्देश्य पाकिस्तानियों को भी गरीबी से बाहर निकालना है. हमें संपूर्ण विकास के लिए चीनी मॉडल का पालन करना चाहिए.'
Image
Caption
बता दें कि विंटर ओलंपिक का बहिष्कार अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों ने किया है. उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार उल्लंघन मुद्दे को आधार बनाकर इन देशों ने विंटर ओलंपिक का बहिष्कार किया है. इस बीच चीन पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने चीन में मानवाधिकार उल्लंघन पर कुछ नहीं बोला है. चीन के भारी कर्ज से दबे पाकिस्तान के पास अब ड्रैगन का पिछलग्गू बनने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है.
Image
Caption
इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर मामले पर पुराना राग अलापा है. उन्होंने भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम भारत के अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों के खिलाफ भारत के मानवाधिकारों के उल्लंघन की अनदेखी कर रहा है. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर चुनिंदा चुप्पी है.
Image
Caption
उन्होंने कश्मीर के बहाने पश्चिमी देशों पर भी निशाना साधा. पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि पश्चिम के देश कश्मीर मुद्दे की अनदेखी कर रहे हैं. कश्मीर को 800,000 भारतीय सैनिकों के साथ एक खुली जेल में बदल दिया गया था. कश्मीर पर इस तरह की चुप्पी बहरा करने वाली और दोहरे मानकों पर आधारित है.
Image
Caption
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने बीजिंग दौरे पर चीन से 3 बिलियन डॉलर का कर्ज मांगने वाले हैं. पाकिस्तान पर पहले से ही चीन के कर्ज का बहुत ज्यादा दबाव है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त बदहाली के दौर से गुजर रही है. महंगाई और भ्रष्टाचार वहां चरम पर हैं.