इमरान खान (Imran Khan) पाकिस्तान (Pakistan) की सत्ता से बाहर होते ही विपक्षियों पर भड़क गए हैं. सत्ता से बेदखल होते ही इमरान खान अपने विरोधियों को धमकी दी है. इमरान खान ने पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था (Judicial Process) पर भी सवाल खड़े किए हैं. इमरान खान के बयान से यह साफ हो चुका है कि अगर वह सत्ता में दोबारा चुनकर आते हैं तो अपने विरोधियों को राजनीतिक साजिशों के लिए नहीं बख्शेंगे.
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इमरान खान ने अपने विरोधियों को धमकी देते हुए कहा कि मैं जब सत्ता में था तब अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए कम खतरनाक था लेकिन अब मैं उनके लिए ज्यादा खतरनाक हूं.
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इमरान खान ने एक रैली को संबोधित करते इमरान खान ने कहा, 'मैं पाकिस्तान में कभी इंपोर्टेड सरकार स्वीकार नहीं करूंगा. पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन का हो रहा विरोध इस बात का सबूत है कि लोग क्या चाहते हैं. जिन लोगों ने साजिश रची थी वह बहुत खुश थे कि मुझे सरकार से बेदखल कर दिया गया. जब मैं सरकार का हिस्सा था तब मैं खतरनाक नहीं था लेकिन अब मैं ज्यादा खतरनाक हो जाऊंगा.'
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इमरान खान ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान में इंपोर्टेड सरकार मंजूर नहीं है. इमरान खान ने कहा, 'पाकिस्तान के लोग शहबाज शरीफ को अपने प्रधान मंत्री के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे. शाहबाज शरीफ पर 40,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप हैं.'
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इमरान खान ने पाकिस्तान की न्यायपालिका पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'मेरी 25 साल की राजनीति के दौरान मैंने कभी भी सरकारी संस्थानों या न्यायपालिका के खिलाफ जनता को नहीं उकसाया क्योंकि मुझे जीना और मरना पाकिस्तान में ही है. मैं आपसे पूछता हूं, मैंने वास्तव में ऐसा क्या अपराध किया था कि आपने आधी रात को अदालतें खोल दीं?'
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पाकिस्तान की सत्ता से इमरान खान नाटकीय तरीके से बाहर हुए हैं. कुछ दिनों में ही उनकी सरकार सत्ता से बाहर हो गई. इमरान खान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव हारने वाले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन हैं. नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव को रोकने के कई प्रयासों के बावजूद, आधी रात के बाद वोटिंग हुई थी. 342 सदस्यीय सदन में 174 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के खिलाफ वोट किया. इमरान खान सदन में अपना बहुमत नहीं साबित कर पाए थे. इमरान खान सेना के विरोध का भी सामना कर रहे थे.