Black Hole Sounds अंतरिक्ष से जुड़ा ऐसा रहस्य है जिस पर से अब तक पूरी तरह से पर्दा नहीं उठा है. अंतरिक्ष में NASA की कई सैटेलाइट हैं जो अलग-अलग ग्रहों, उनके चांद और सितारों की तस्वीरें खींचती है. नासा की टीम उन पर रिसर्च करती है. कई सैटेलाइट अंतरिक्ष के सबसे बड़े रहस्य 'ब्लैक होल' की जानकारी भी इकट्ठा करती हैं.
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अब एक सैटेलाइट ने ब्लैक होल की आवाज को रिकॉर्ड किया है. जिस ब्लैक होल की यह आवाज है वह पृथ्वी से 20 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. यह 1.1 करोड़ प्रकाश वर्ष की चौड़ाई में फैले पर्सियस आकाशगंगा समूह के केंद्र का हिस्सा है. NASA ने अब इसे इंसानी कानों को सुनने के हिसाब से प्रोसेस करके जारी किया है.
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यह आवाज पहले की आवाजों से बेहतर है. नासा की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि यह गलत धारणा है कि अंतरिक्ष पूरी तरह निर्वात है और वहां किसी तरह की आवाज नहीं है. एक आकाश गंगा समूह में प्रचुर मात्रा में गैस है जिसमें वह हजारों गैलेक्सी को अपने अंदर समा सकती है. यह ध्वनि तरंगों को आगे बढ़ने देते हैं. नासा ने ब्लैक होल की आवाज को चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी से पकड़े थे.
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एक स्टडी में कहा गया है कि ब्लैक होल में गूंजने वाले 8 नई आवाजों के बारे में पता लगाया गया है. इन गूंजने वाली आवाजों को ब्लैक होल बायनरीज का नाम दिया गया है. शोधकर्ताओं ने ईको करने वाले ब्लैक होल सिस्टम का भी पता लगाया है. ब्लैक होल से निकलने वाली ये आवाजें काफी डरावनी सुनाई पड़ती हैं. रिपोर्ट में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन आवाजों के जरिए आकाशगंगा के विकास में ब्लैक होल की भूमिका के बारे में भी पता चलता है.
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ब्लैक होल की बात करें तो यहां गुरुत्वाकर्षण बल का खिंचाव इतना मजबूत होता है कि यह प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है. यह स्पेस में वह जगह है जहां अंधकार के सिवा कुछ भी नहीं होता है. यहां भौतिकी का कोई भी नियम काम नहीं करता. इसमें इतनी गहराई है कि जो अंदर गया वह कभी नहीं बच पाता है. ब्लैक होल अक्सर ज्यादा गर्म गैस और धूल से घिरे होते हैं.
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नासा के मुताबिक, जब एक ब्लैक होल में कोई सामग्री जाती है तो तेज एक्स-रे लाइट उत्पन्न होती है. इसके बाद ब्लैक होल से ईको या गूंज की आवाज सुनाई देती है. यही ईको हमें आकाशगंगा के बनने में ब्लैक होल की भूमिका के बारे में बताता है. नई स्टडी में कहा गया है कि ब्लैक होल से जुड़े जिन आठ सिस्टम्स की पहचान की गई है. उनमें शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 5 से 15 गुना तक अधिक थाय साथ ही, सभी ब्लैक होल सूर्य और सूर्य के सरीखे बड़े तारों के अंत से बने थे.