अफगानिस्तान की अब तक की अकेली पॉर्न स्टार ने तालिबान राज में महिलाओं के साथ होने वाली ज्यादती बयान की है. उन्होंने बताया कि जब वह बच्ची थीं तब ही उन्होंने देश छोड़ दिया था. यासमीना अली ने तालिबान के कब्जे और फिर औरतों पर होने वाले जुर्म अपनी आंखों से देखे थे. उन्होंने अपना खौफनाक अनुभव भी शेयर किया है.
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यासमीना अली को अब तक अफगानिस्तान की पहली और इकलौती Porn Star भी कहा जाता है. यासमीना की यह अकेली पहचान नहीं है. अब वह एक मजबूत अफगान महिला कार्यकर्ता हैं.
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यासमीना ने 1990 का वह दौर भी देखा है जब तालिबान का कब्जा काबुल की सड़कों, गलियों, इमारतों पर हो रहा था.यासमीना उस वक्त बहुत कम उम्र की थीं. तालिबान का सत्ता पर कब्जा जमाने और फिर बिगड़ते हालात देखकर उनका परिवार देश छोड़कर ब्रिटेन में आ गया. अब वह ब्रिटेन में सेक्स एक्टिविस्ट के तौर पर और महिला अधिकारों के लिए भी काम करती हैं.
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यासमीना ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने मुस्लिम धर्म को छोड़ दिया है और अब वह नास्तिक बन चुकी हैं. उन्होंने बताया कि तालिबान को मेरे कॉन्टेंट के बारे में सब कुछ पता है. तालिबान नहीं चाहता है कि अफगानिस्तान के साथ मेरी कोई भी पहचान जोड़ी जाए.
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यासमीना ने बताया कि मैंने 1990 के दौर में स्त्रियों पर हिंसा होते हुए देखा था. तालिबान के राज में स्त्रियों के साथ रेप जैसी कोई चीज नहीं थी. उनकी नजर में औरत का शरीर उपभोग का सामान है. उन्होंने यह भी कहा कि यह हिंसा सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं है. पुरुषों को भी धार्मिक नहीं होने पर पीटा जाता था. अगर किसी पुरुष की दाढ़ी इस्लाम के मुताबिक न हो तो भी उसे पीटा जाता है.
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यासमीना अली ने बताया कि उनके कॉन्टेंट की वजह से अक्सर ही उन्हें मैसेज मिलते रहते हैं. उन्होंने बताया कि लोग मुझे ऐसे मैसेज भेजते हैं कि मैं अंडरकवर एजेंट हूं. कुछ मैसेज ऐसे भी होते हैं जिनमें कहा जाता है कि मैं यहूदी हूं. उन्होंने कहा कि इन सब बातों और नफरतों का कोई असर नहीं होता है.