डीएनए हिंदी: चीन और ताइवान के बीच बीते कुछ महीनों से तनाव जारी है. अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने कहा है कि चीन के लोगों को फैसला करना है कि ताइवान समस्या का हल कैसे होगा. कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) के 20वें अधिवेशन में शी जिनपिंग ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण समाधान चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह 'Right to Use Force' यानी वह हमला करने से पूरी तरह से पीछे हट जाएगा. इस पर जवाब देते हुए ताइवान ने कहा है कि वह एक आजाद और संप्रभु देश है और वह किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेगा.
दरअसल, अगस्त महीने में जब अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान गईं तो चीन ने इसका विरोध किया. विरोध के बावजूद यह दौरान होने के बाद से ही चीन आक्रामक हो गया है. चीन, ताइवान को अपना एक द्वीप मानता है जबकि ताइवान खुद को एक आजाद देश कहता है. पूरा विवाद इसी को लेकर है.
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जिनपिंग बोले- हम चाहते हैं शांति से एक हो जाएं चीन-ताइवान
शी जिनपिंग ने कहा, 'हम ताइवान के लोगों की इज्जत करते हैं, उनका ख्याल रखते हैं और उन्हें तमाम फायदे देते हैं. ताइवान विवाद का हल निकालना चीन के लोगों का काम है और वही फैसला करेंगे. हम चाहते हैं कि दोनों शांति से एक हो जाएं. हालांकि, हम यह कतई नहीं कह रहे हैं कि ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे हटेंगे. हम इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव कदम उठाएंगे.'
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शी जिनपिंग के इस बयान पर ताइवान के राष्ट्रपति दफ्तर ने कहा है, 'रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी ताइवान एक संप्रभु और स्वतंत्र देश है. ताइवान की राय स्पष्ट है कि राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दे पर हम पीछे नहीं हटेंगे. लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे. युद्ध करना हम दोनों ही देशों के लिए कोई समाधान नहीं है. यही ताइवान के लोगों की आम राय है.'
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शी जिनपिंग ने दी ताकत का इस्तेमाल करने की धमकी, ताइवान बोला- हम भी पीछे नहीं हटेंगे