पीएम मोदी इन दिनों अपने रूसी दौरे पर थे. वहां वो ब्रिक्स सम्मेलन 2024 में हिस्सा लेने गए थे. वहां उन्होंने रुस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिन से मुलाक़ात की. साथ ही वो दूसरे ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्ष से मिले. इसी दौरान पीएम मोदी ने वहां मौजूद गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित किया. इस बीच पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ के देशों का जिक्र किया, और उनकी अहमियत से लोगों को वाक़िफ कराया. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने क्या सब कहा? और ग्लोबल साउथ किन देशों को कहते हैं?
पीएम मोदी ने क्या सब कहा?
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ देशों के विकास और बाधाओं को रेखांकित किया. ग्लोबल साउथ को लेकर की गई उनकी बातों का रुस की ओर से भी पूरा समर्थन मिला. पीएम मोदी की ओर से कहा गया कि ‘ग्लोबल साउथ’ राष्ट्रों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को समझने की ज़रूरत है.
क्या है ग्लोबल साउथ?
पीएम मोदी की ओर से बताया गया कि 1960 के दशक 'ग्लोबल साउथ' पहली बार प्रयोग में आया. शुरुआत में इस शब्द का मतलब लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के इलाकों से था. धीरे-धीरे इसका उपयोग विकासशिल, और तीसरी दुनिया के दोशों के लिए किया जाने लगा. इस टर्म का उपयोग ऐसे देशों के लिए किया जाता है जो यूरोप और उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका समेत पूरी दुनिया में मौजूद हैं, और कम इनकम वाले देश हैं.
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BRICS: क्या है ‘ग्लोबल साउथ’? ब्रिक्स सम्मेलन में PM Modi ने जिसका किया जिक्र