डीएनए हिंदी: यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) की विदेश मंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) ने भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को कंजर्वेटिव पार्टी (Conservative Party) नेतृत्व के लिए मुकाबले में कड़ी शिकस्त दी है. अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन की जगह लेंगी. मार्गरेट थैचर (Margaret Thatcher) और टेरीजा मे (Theresa May) के बाद ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी.
लिज़ ट्रस इस मुकाबले में पार्टी के सदस्यों की ओर डाले गए 170,000 ऑनलाइन और डाक मतों में से ज्यादातर वोट हासिल करने में कामयाब रहीं. चुनाव में 82.6 प्रतिशत वोटिंग हुई जिसमें ऋषि सुनक को 60,399 मत जबकि ट्रस को 81,326 मत मिले. वोटिंग के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के 172,437 सदस्य योग्य थे, वहीं 654 मत खारिज कर दिए गए.
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कैसे ऋषि सुनक पर भारी पड़ गईं लिज़ ट्रस?
लिज़ ट्रस अपनी योजनाओं की वजह से ऋषि सुनक पर भारी पड़ी हैं. उन्होंने टैक्स डिडक्शन और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर चुनावों के दौरान जोर दिया है. वह कई बार कह चुकी हैं कि ब्रिटेन को आगे बढ़ाने के लिए उनके पास कई साहसिक योजनाएं हैं.
कई सर्वे में यह कह गया था कि ऋषि सुनक, प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगी क्योंकि उनसे बेहतर दावेदारी लिज़ ट्रस की है. कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य ऋषि सुनक के कदम को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ विश्वासघात के तौर पर देख रहे थे और कर में कटौती को लेकर ट्रस का संकल्प भी भारतवंशी सुनक की हार के मुख्य कारण रहे.
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ब्रिटेन में 15 लाख से अधिक प्रवासी आबादी का अब भी सुनक में विश्वास बना हुआ है लेकिन पार्टी में जिन लोगों का संबंध उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों से है, उनके विभाजित होने की आशंका थी.
यहां चूक कर बैठे ऋषि सुनक
ब्रिटेन में जन्मे ऋषि सुनक यॉकशायर में रिचमंड से सांसद हैं. लिज़ ट्रस ने अपने अभियान में वित्त मंत्री के तौर पर सुनक की कर वृद्धि की योजनाओं को पलटने का संकल्प जताया और लगता है कि पार्टी के सदस्यों ने उनकी योजनाओं को प्राथमिकता दी.
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ऋषि सुनक केवल महंगाई से निपटने की रणनीति तैयार कर रहे थे. आपदा की स्थिति में डिजास्टर मैनेजमेंट और दूसरे मेगा प्लान पर भी उनकी नजर थी. ब्रेक्जिट को लेकर भी उनका नजरिया लिज़ ट्रस से बेहद अलग रहा है. लिज़ ट्रस ब्रेक्जिट की धुर आलोचक हैं वहीं ऋषि सुनक का रुख इस पर बेहद नरम रहा है. ऋषि सुनक अपने वादों से वह पार्टी के सदस्यों को अपनी ओर नहीं कर पाए.
और कौन सी वजहें थीं जिम्मेदार?
ब्रिटिश मीडिया का दावा है कि दो कारणों से ऋषि सुनक पीएम पद की रेस से बाहर हो गए. उनकी पत्नी अक्षता ब्रिटिश नागरिक नहीं हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के ज्यादातर ब्रिटिश सदस्य चाहते हैं कि ब्रिटिश मूल का ही उनका प्रधानमंत्री हो. ऋषि सुनक इस पर खरा नहीं उतरे और उन्हें लोगों ने वोट नहीं किया.
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कब पद संभालेंगी लिज़ ट्रस?
अब पार्टी की निर्वाचित पार्टी नेता के तौर पर विदेश मंत्री लिज़ ट्रस स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में महारानी को अपना औपचारिक इस्तीफा सौंपने के बाद प्रधानमंत्री पद संभालेंगी. महारानी से मुलाकात के बाद वह लंदन लौटकर अपनी नई कैबिनेट की घोषणा करेंगी.
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लिज़ ट्रस को कैसे मिली जीत, क्यों ब्रिटेन के पीएम नहीं बन सके ऋषि सुनक?