डीएनए हिंदी: ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman), भारतीय मूल की भले ही हों लेकिन उनका रुख भारत विरोधी साबित हो रहा है. वह भारत के साथ ब्रिटेन के मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का विरोध कर रही हैं. उन्होंने चिंता जाहिर की है कि अगर ऐसा हुआ तो भारतीय बड़ी संख्या में ब्रिटेन (Britain) आ सकते हैं. सुएला ब्रेवरमैन को यह भी चिंता है कि ब्रिटेन अगर इस फैसले पर आगे बढ़ा तो यह कदम ब्रेक्जिट (Brexit) के खिलाफ जा सकता है.
द स्पेक्टेटर मैगजीन को दिए गए एक इंटरव्यू में भारतीय मूल की गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने भारत के खिलाफ बयान दिया है. उनका यह बयान ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के खिलाफ भी है, जिसमें उन्होंने कहा था दीवाली तक मुक्त व्यपार समझौते पर एक आम सहमति बना ली जाए.
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भारत के साथ व्यापार समझौते से खुश क्यों नहीं हैं सुएला ब्रैवरमैन?
द स्पेक्टेटर के मुताबिक सुएला ब्रेवरमैन इस फैसले से खुश नहीं है कि लिज़ ट्रस भारत के साथ महत्वाकांक्षी ट्रेड डील पर आगे बढ़ रही हैं. ब्रिटेन इमिग्रेशन पॉलिसी को भी इसमें शामिल करना चाहता है. सुएला ब्रैवरमैन ने कहा कि मुझे भारत के साथ एक ओपेन इमिग्रेशन बॉर्डर पॉलिसी को लेकर चिंता है क्योंकि मुझे नहीं लगता कि इसलिए लोगों ने ब्रेक्सिट के लिए मतदान किया था.
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सबसे ज्यादा रुकने वालों में भारतीय शामिल
सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि यह छात्रों और उद्योगपतियों के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन मुझे उससे बड़ी समस्याएं नजर आ रही हैं. इस देश में प्रवासन को देखें. ज्यादा समय बिताने वाले लोगों में सबसे ज्यादा भारतीय ही हैं.
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सुएला को सता रहा भारतीयों के ठहरने का डर
ब्रिटेन की गृहमंत्री सुएला ब्रैवरमैन ने यह भी कहा था कि बीते साल तत्कालीन गृहमंत्री प्रीती पटेल ने भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था. बिटिश गृहमत्री का दावा है कि इससे अवैध प्रवासियों और वीजा से ज्यादा वक्त बिताने वाले लोगों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है.
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क्या कहते हैं अवैध प्रवासन के आंकड़े?
ब्रिटेन के गृहमंत्रालय की ओर से जारी आकंड़ों के मुताबिक 2020 में 20,706 भारतीयों की विजा अवधि खत्म हो चुकी है. यह दूसरे देशों की तुलना में कहीं ज्यादा है. करीब 4 फीसदी भारतीय वीजा की समयसीमा खत्म होने के बाद भी रुक जाते हैं.
कहां तक पहुंची व्यापार समझौते की डील?
तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हस्ताक्षर किया था कि व्यापार समझौते पर दीपावली से पहले मुहर लग जाएगी. जब यह वार्ता शुरू हुई थी तब लिज़ ट्रस विदेश मंत्री थीं. नई पॉलिसी से ब्रिटेन और भारत के बीच प्रोफेशनल और छात्रों के लिए प्रवास आसान हो सकता है. अभी दोनों पक्षों की ओर से अंतिम फैसले का इंतजार है.
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भारत के 'अपने ही हुए बेगाने,' भारतीय मूल की ब्रिटिश गृहमंत्री ने देश के खिलाफ खोला मोर्चा