डीएनए हिंदी: तालिबान का सुप्रीम लीडर मुल्ला हैबतुल्लाह अखुंदजादा शुक्रवार को काबुल में धार्मिक नेताओं के एक विशाल जलसे में शामिल हुआ है. अफगानिस्तान की सत्ता पर फिर से कब्जा जमाने के बाद तालिबान के सुप्रीम लीडर की यह पहली सार्वजनिक उपस्थिति है. इस धार्मिक जलसे में तालिबान ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अफगानिस्तान में धर्म का शासन ही अहम रहेगा.
Taliban अपनी मर्जी से ही चलाएगा शासन?
तालिबान के सुप्रीम लीडर ने इस जलसे में दो टूक अंदाज में कहा है कि विश्व को अफगानिस्तान और तालिबान के मामलों में बोलने का अधिकार है. इस जलसे की मीडिया कवरेज पर रोक लगाई गई है. हालांकि, अल जजीरा में इससे जुड़ी खबरें प्रकाशित हुई हैं. अलजजीरा की खबर के मुताबिक, अखुंदजादा ने कहा कि अफगानिस्तान में जिहाद की जीत हुई है और यह जीत पूरी दुनिया के मुसलमानों की जीत है.
तालिबान के सुप्रीम लीडर ने स्पष्ट कहा कि अफगानिस्तान में शरिया का कानून ही चलेगा और अफगान-तालिबान के मामलों में विश्व को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है. बताया जा रहा है कि इस जलसे में अफगानिस्तान में कुछ दिन पहले आए भूकंप में मारे गए लोगों के लिए भी दुआ की गई है.
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अफगानिस्तान रेडियो पर किया गया प्रसारण
अनुमान के मुताबिक, 3 दिन के इस तीन जलसे में 3000 लोग शामिल हो सकते हैं जिसकी शुरुआत गुरुवार को काबुल की पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में हुई है. पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अखुंदजादा पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आया है. अफगानिस्तान के सरकारी रेडियो पर शुक्रवार को इस जलसे का प्रसारण किया गया है.
जलसे में तालिबान सुप्रीम लीडर ने खास तौर पर दोहराया है कि अफगानिस्तान में शरिया कानून ही महत्वपूर्ण है और तालिबान परंपराओं के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा और न ही बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार करेगा.
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धार्मिक जलसे में शामिल हुआ तालिबान का सुप्रीम लीडर, बोला, 'हमारे मामलों से दूर रहे दुनिया'