डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के नये सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर सरकार में मतभेद बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने इस प्रमुख मुद्दे पर विरोधाभासी बयान दिये हैं. सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति एक प्रशासनिक विषय है. कानून के तहत, मौजूदा प्रधानमंत्री को शीर्ष तीन सितारा जनरलों में से किसी एक का चयन करने का अधिकार है.
‘डॉन न्यूज’ की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नये सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर अपने सरकारी सहयोगियों के साथ शुक्रवार को विचार-विमर्श शुरू कर दिया. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुलासा किया कि मंगलवार या बुधवार तक नये सेना प्रमुख के नाम की घोषणा की जाएगी. वहीं, दूसरी ओर गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने कहा कि विचार-विमर्श पूरा हो चुका है और एक या दो दिन में नये सेना प्रमुख की नियुक्ति कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की देरी उचित नहीं होगी.
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एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता आसिफ अली जरदारी ने कहा कि उनकी पार्टी सेना के लिए पदोन्नति प्रणाली में विश्वास करती है और सैन्य प्रमुख की नियुक्ति का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, अन्यथा इससे संस्था को नुकसान पहुंच सकता है. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सभी तीन सितारा जनरल सेना प्रमुख का पदभार संभालने के लिए समान रूप से योग्य और सक्षम हैं.’’ पीपीपी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में सबसे बड़ी सहयोगी है.
‘डॉन’ की खबर में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कोविड-19 से संक्रमित पाये जाने के बाद इस समय पृथकवास में रह रहे प्रधानमंत्री शरीफ ने सेना प्रमुख की नियुक्ति पर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान से भी बात की है. शनिवार या रविवार को दोनों नेताओं के बीच औपचारिक मुलाकात होने की उम्मीद है.
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रक्षा मंत्री आसिफ ने शुक्रवार को ‘जियो न्यूज’ को बताया कि नये सेना प्रमुख की नियुक्ति की कागजी कार्रवाई सोमवार से शुरू हो जाएगी और नियुक्ति मंगलवार या बुधवार को की जाएगी. नये सेना प्रमुख को पदभार सौंपने से संबंधित कार्यक्रम 29 नवंबर को होगा. नियमों के अनुसार, सेना प्रमुख के पद के लिए संभावित नामों को एक पैनल प्रस्तावित करता है और नियुक्ति करने के लिए रक्षा मंत्रालय के माध्यम से प्रधानमंत्री को एक विवरण भेजा जाता है. इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने आरोप लगाया है कि पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहते हैं.
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नये सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर बना संशय, पाकिस्तान सरकार में बढ़ा मदभेद