डीएनए हिंदी: प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) पर कब्जे की जंग लंबे समय से चल रही है. लंबे समय से अमेरिका का कब्जा रहा है लेकिन चीन जैसी महाशक्ति भी लगातार और तरह-तरह से कोशिश कर रही है कि वह भी अपना दबदबा बढ़ा सके. इसी क्रम में सोलोमन द्वीप (Soloman Islands) और चीन के बीच एक समझौता हुआ है. इस समझौते ने अमेरिकी और ब्रिटेन समेत कई दिशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस समझौते के तहत चीन, सोलोमन द्वीप के पास अपना एक नेवी बेस बना सकता है. अब सोलोमन द्वीप ने बाकी देशों से अनुरोध किया है कि वे तब तक अपने युद्धपोत न भेजें ज तक मंजूरी देने वाली प्रक्रिया की समीक्षा न कर ली जाए. इससे पहले, सोलोमन द्वीप ने अमेरिका के युद्धपोतों को अनुमति नहीं दी थी जिसकी वजह से उसके युद्धपोत ओलिवर हेनरी (Oliver Henry) की यात्रा रद्द करनी पड़ी थी.
सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता ने कहा है कि सभी देशों के युद्धपोतों पर अगले फैसले तक प्रतिबंध लगाया जा रहा है. इसमें किसी भी देश को कोई रियायत नहीं दी जाएगी. सोलोमन ने यह भी साफ किया है कि प्रक्रिया की समीक्षा के लिए कोई समयसीमा भी नहीं तय की गई है. सोलोमन के इस फैसले के बाद बाकी देशों की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं क्योंकि चीन और सोलोमन की नज़दीकियां लगातार बढ़ती जा रही हैं.
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सोलोमन के फैसले ने बढ़ाई अमेरिका-ब्रिटेन की चिंता
इस फैसले से पहले अमेरिकी युद्धपोत ओलिवर हेनरी और ब्रिटिश नेवी के HMS स्पे की यात्रा पिछले हफ्ते ही रद्द कर दी गई थी क्योंकि इन दोनों को सोलोमन द्वीप की ओर से अनुमति नहीं दी थी. सोलोमन और चीन के बीच हुए नए सुरक्षा समझौते के बीच अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस समझौते के कारण ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पूर्वी तट से दो हजार किलोमीटर से कम दूरी पर एक चीनी नेवी बेस बनाया जा सकता है.
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सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री मानासेह सोगवारे ने कहा है कि ओलिवर हेनरी ने समय पर सूचना नहीं दी थी जिसके चलते उनके कार्यालय ने यात्रा को मंजूरी नहीं दी. उन्होंने कहा कि एचएमएस स्पे ने अपने दौरे का आवेदन वापस ले लिया. प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, 'मंजूरी मिलने में देरी से पता चलता है कि युद्धपोतों को सोलोमन द्वीप के दौरे के लिए अनुमति देने के लिए सरकार को आवश्यकताओं की समीक्षा करने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा, 'हमने अपने साझेदारों से अनुरोध किया है कि वे नई प्रक्रिया की समीक्षा के लिए समय दें और उसके बाद सैन्य पोतों के दौरों के लिए आवेदन करें.' उन्होंने कहा कि नई प्रक्रिया सभी सैन्य पोतों के लिए लागू होगी.
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अमेरिका और ब्रिटेन के युद्धपोतों को लौटाया, अब सोलोमन ने सभी देशों के शिप पर लगा दिया बैन, समझिए पूरा मामला