डीएनए हिंदी: दुनिया भर में सेम सेक्स मैरिज और एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) समुदाय के अधिकारों की जोरदार वकालत हो रही है. हालांकि, जी-7 में सिर्फ जापान ही एक ऐसा देश है जिसने समलैंगिक विवाह को अब तक कानूनी मान्यता नहीं दी है. हालांकि, जापान में कई संगठन हैं जो समलैंगिक विवाहों को अनुमति देने की मांग कर रहे हैं. देश में हुए ओपिनियन पोल में भी ज्यादातर लोगों की राय इसके पक्ष में ही है. देश की एक अदालत ने समलैंगिक विवाह पर रोक को सही ठहराते हुए टिप्पणी की है कि यह किसी भी तरह से संवैधानिक उल्लंघन नहीं है.
Osaka Court में दाखिल की गई थी याचिका
ओसाका की एक जिला अदालत ने समलैंगिक विवाह के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, सेम सेक्स मैरिज पर रोक लगाना संवैधानिक उल्लंघन नहीं है. जापान में यह इस तरह की दूसरी याचिका है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि समलैंगिक लोगों के अधिकारों का दमन नहीं किया जाना चाहिए.
व्यक्तिगत गरिमा (Individual Dignity) के दृष्टिकोण से, यह कहा जा सकता है कि समलैंगिक जोड़ों को आधिकारिक मान्यता मिलनी चाहिए. ऐसे लोगों को सार्वजनिक रूप से मान्यता दिए जाने और उससे होने वाले लाभ मिलने चाहिए. इस पर सार्वजनिक बहस पूरी तरह से नहीं की गई है और इसके लिए एक नई प्रणाली बनाना जरूरी है.
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जापान में समलैंगिकों को मिल रहे अधिकार
जापान की राजधानी टोक्यो सहित तमाम दूसरे शहरों में समान लिंग वाले जोड़ों को संपत्ति किराए पर लेने और अस्पताल के दौरे के अधिकार हासिल करने में मदद करने के लिए साझेदारी प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है. ओसाका मामला समान-लिंग वाले तीन लोगों द्वारा दायर किया गया था. इनमें दो पुरुष और एक महिला शामिल थी. देश में यह अपनी तरह का दूसरा मामला है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की याचिका खारिज कर दी है. साथ ही, कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की एक मिलियन येन हर्जाने के दौर पर दिए जाने की मांग को भी खारिज कर दिया है.
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Japan Gay Marriage: जापान की अदालत का फैसला, सेम सेक्स मैरिज पर बैन संवैधानिक