डीएनए हिंदी: रूस यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस (S Jaishankar) के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आज अपने समकक्ष और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच अपने मजबूत रिश्तों को नए स्तर पर ले जाने पर चर्चा की है. साथ ही उन्होंने एक बार फिर इस बात पर ही जोर दिया है कि 8 महीनों से जारी रूस यूक्रेन युद्ध का हल बातचीत से ही निकाला जा सकता है.
एस जयशंकर ने यहां सर्गेई लावरोव से बातचीत के कहा है कि रूस और भारत अलग-अलग स्तरों पर एक दूसरे से संपर्क में है और वैश्विक परिस्थिति पर हम नजर बनाए रहते हैं. वहीं द्विपक्षीय संबंधों को भी दोनों देश वरीयता दे रहे हैं. दोनों देशों का उद्देश्य एक समकालीन, संतुलित, परस्पर लाभकारी और लंबी पार्टनरशिप के निर्माण का है जिससे रूस और भारत के द्विपक्षीय रिश्ते और मजबूत हो सकें.
The world shouldn't forget the situation in Afghanistan. There's a humanitarian situation. India has stepped forward by providing vaccines and food. The international community has good reason to have concerns about terrorism and terrorists that operate out of Afghanistan: EAM pic.twitter.com/g3XXBeyAK1
— ANI (@ANI) November 8, 2022
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युद्ध से दुनिया पर पड़ा है बुरा असर
विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड -19 महामारी वित्तीय दबाव और व्यापार कठिनाइयों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है. इसके अलावा यूक्रेन युद्ध का भी पूरी दुनिया पर बुरा असर पड़ रहा है. एस जयशंकर ने कहा है कि अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को सबसे ऊपर देख रहे हैं. आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के अधिक बारहमासी मुद्दे भी हैं, दोनों का प्रगति और समृद्धि पर विघटनकारी प्रभाव पड़ता है.
एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और रूस एक तेजी से बढ़ती बहुध्रुवीय और पुनर्संतुलित दुनिया में एक-दूसरे के साथ जुड़ रहे हैं. हम ऐसा दो राज्यों के रूप में करते हैं, जिनके बीच असाधारण रूप से स्थिर और समय की कसौटी पर खरी उतरी है. उस पृष्ठभूमि में हम वार्तालाप के लिए तत्पर हैं.
किन मुद्दों पर है नजर
इसके अलावा एस जयशंकर के बातचीत के बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जिन बदलावों से गुजर रहा है उसके साथ ही हमारे लिए इसका आकलन करना जरूरी है कि हम अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश, तकनीकी क्षेत्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों पर कैसे काम करने जा रहे हैं.
सर्गेइ लावरोव ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ अपनी कार्रवाई को साझा करते हैं जिसका भारत अभी तक एक अस्थायी सदस्य है जो हमारे एजेंडे को मजबूत कर रहा है. मुझे भरोसा है कि आज हम इन सब मुद्दों को लेकर अच्छी बातचीत करने जा रहे हैं."
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अमेरिका की भी है नजर
आपको बता दें कि वैश्विक स्तर पर एस जयशंकर की इस रूस यात्रा पर अमेरिका की भी नजर है क्योंकि अमेरिका लंबे वक्त से भारत से इस लिए नाराज है क्योंकि भारत ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बार भी रूस की आलोचना नहीं की है. इतना ही नहीं, रूस से भारत कच्चे तेल का आयात भी कर रहा है जिससे रूस की आर्थिक स्थिति को एक बड़ी मदद मिल रही है. यही कारण है कि अचानक कुछ मुद्दों पर अमेरिका भारत की आलोचना करने के साथ ही पाकिस्तान से अपनी घनिष्ठता बढ़ाने लगा है जिससे भारत को परेशानी हो.
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रूस में विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपील, 'यूक्रेन से टकराव का दुनिया पर दिखा बुरा असर'