डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन के बीच कई महीनों से जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से दुनिया के कई देशों को अनाज संकट (Food Crisis) से जूझना पड़ रहा है. अब एक समझौते के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि दुनिया को अनाज संकट से राहत मिल सकती है. रूस और यूक्रेन ने शनिवार को तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं. इस समझौते के बाद रूस और यूक्रेन से दुनिया के अलग-अलग देशों को जाने वाले खाद्यान्न और उर्वरकों के निर्यात का रास्ता साफ हो गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि दुनिया में अनाज की बढ़ती कीमतों में थोड़ी कमी आएगी और संकट से जूझ रहे देशों को राहत मिलेगी.
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और यूक्रेन के मंत्री ओलेक्संद्र कुब्राकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस और तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार के साथ इस सिलसिले में अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर किए. अंतोनियो गुतारेस ने कहा, 'यह उम्मीद की, संभावना की, दुनिया के लिए राहत की किरण है जिसकी काफी जरूरत थी.'
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क्या है समझौता?
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता की वजह से दोनों देश इस बात पर राजी हो गए हैं कि अब ब्लैक सी यानी काला सागर से गुजरने वाले अनाज वाले जहाजों पर कोई रोक-टोक नहीं की जाएगी. रूस ने साफ किया है कि वह यूक्रेन से निकलने वाले अनाज के जहाजों को नहीं रोकेगा. आपको बता दें कि पहले दोनों देशों ने धमकी दी थी कि वे काला सागर से कोई भी जहाज नहीं गुजरने देंगे.
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काला सागर से अनाज वाले जहाजों की आवाजाही रोके जाने की वजह से यूरोप और अफ्रीका के कई देशों में अनाज संकट पैदा हो गया है. दुनियाभर में अनाज की कीमतें आसमान छू रही हैं और भारत समेत तमाम एशियाई देशों को भी महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. निर्यात में भारी कमी आ गई है और कई देशों तक रूस और यूक्रेन से जाने वाला जहाज नहीं पहुंच रहा है.
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Russia-Ukraine ने किया समझौता, अब दूर हो जाएगा दुनिया का अनाज संकट?