डीएनए हिंदी: रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) ने शुक्रवार को एक समझौता किया था. इस समझौते के बाद उम्मीद जगी कि दुनिया को अनाज संकट (Food Crisis) से राहत मिलेगी. इस उम्मीद को तबाह करते हुए रूस ने यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह (Odessa Port) पर मिसाइल से हमला कर दिया है. यह हमला अनाज के मसले पर हुए समझौते के कुछ ही घंटों बाद हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की और संयुक्त राष्ट्र से हुए समझौतों के बाद ओडेसा बंदरगाह से अनाज का निर्यात फिर से शुरू होने वाला था. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को हुए इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि रूस का यह कदम, अनाज निर्यात का समझौता कराने वाले तुर्की और संयुक्त राष्ट्र का मखौल उड़ाने जैसा है.
यूक्रेन की सेना की दक्षिणी कमान ने कहा कि दो रूसी कैलिबर मिसाइलों ने ओडेसा बंदरगाह पर हमला किया और यूक्रेन की हवाई रक्षा सेना ने दो अन्य मिसाइलों को नष्ट कर दिया. इस मिसाइल हमले में कितना नुकसान हुआ इस बारे में जानकारी नहीं दी गई. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओलेग निकोलेंको ने कहा, 'इस्तांबुल समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के समक्ष किए गए वादे को तोड़ने में रूस ने 24 घंटे भी नहीं लगाए और ओडेसा बंदरगाह पर मिसाइल से हमला किया.'
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'खाद्य संकट के लिए रूस होगा जिम्मेदार'
उन्होंने आगे कहा, 'वादा नहीं निभाने की सूरत में, वैश्विक खाद्य संकट के लिए रूस पूरी तरह जिम्मेदार होगा.' यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के 150वें दिन किए गए मिसाइल हमले पर निकोलेंको ने कहा कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतारेस और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन का मखौल उड़ाने जैसा है, जिन्होंने यह समझौता कराया था.'
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इस हमले के बाद अंतोनियो गुतारेस के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र इन हमलों की कड़ी निंदा करता है. बयान में कहा गया, 'कल सभी पक्षों ने यूक्रेन के अनाज और अन्य कृषि उत्पादों को सुरक्षित तरीके से वैश्विक बाजार में पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई थी. इन उत्पादों से वैश्विक खाद्य संकट से जूझ रहे लोगों को मदद मिलनी है और दुनियाभर में लाखों लोगों के खाद्यान्य संकट को दूर करने की जरूरत है. रूस, यूक्रेन और तुर्की को इस समझौते का पूरी तरह पालन करना चाहिए.'
कल ही इस्तांबुल में हुआ था समझौता
अनाज निर्यात फिर से शुरू करने के लिए इस्तांबुल में शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान गुतारेस ने वाणिज्यिक खाद्यान्न निर्यात के वास्ते यूक्रेन के ओडेसा, चेर्नोमोर्स्क और युझनी बंदरगाह खोलने की सराहना की थी. साथ ही, कहा था कि इससे एक नई उम्मीद जगी है. इस समझौते से यूक्रेन का लाखों टन अनाज और रूस का कुछ अनाज और उर्वरक का निर्यात होना है जो युद्ध के कारण रुका हुआ है.
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आपको बता दें कि यूक्रेन, गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल के विश्व के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है. ओडेसा के अलावा रूस ने शनिवार को मध्य यूक्रेन की एक एयरफील्ड और रेलवे प्रतिष्ठान पर मिसाइल दागी, जिससे कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई. यूक्रेन ने भी रूस के कब्जे वाले दक्षिणी क्षेत्र में रॉकेट दागे. यूक्रेन के बीच में स्थित किरोवोह्रादस्का क्षेत्र में एक हवाईअड्डे और एक रेलवे प्रतिष्ठान पर 13 रूसी मिसाइल दागी गईं.
गर्वनर एड्रिय रेलकोविच ने कहा कि इन हमलों में कम से कम एक कर्मी और दो गार्ड की मौत हो गई. क्षेत्रीय प्रशासन ने बताया कि किरोवोह्राद शहर के निकट हुए हमलों में 13 अन्य लोग घायल हुए हैं. इस बीच, हमले की शुरुआत में रूसी सेना द्वारा कब्जा किये गए दक्षिणी खेरसोन क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों ने दनीपर नदी के पार रॉकेट दागे और रूसी सेना के लिए रसद आपूर्ति बाधित करने की कोशिश की.
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Russia-Ukraine: कल समझौता, आज यूक्रेन के बंदरगाह पर रूस का मिसाइल हमला, कैसे हल होगा अनाज संकट?