डीएनए हिंदी: दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी (World Top Universities) की लिस्ट में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी को जगह नहीं मिल पाई है. QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (QS World Ranking) में मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने शीर्ष स्थान हासिल किया है. भारतीय प्रौद्योगिकों संस्थानों (IITs) को पछाड़ते हुए बेंगलुरु के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) ने भारतीय संस्थानों (Indian Education Institutes) के मामले में सबसे अच्छी रैंकिंग हासिल की है. IISc बेंगलुरु ने पिछले साल की तुलना में 31 रैंक का सुधार करते हुए इस बार 155वीं रैंक हासिल की है.
अमेरिका के MIT के बाद दूसरे नंबर पर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, तीसरे पर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, चौथे पर ऑक्सफोर्ड और पांचवे स्थान पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी काबिज हैं. इसके अलावा, इंपीरियल कॉलेज लंदन और शिकागो यूनिवर्सिटी को भी टॉप-10 में जगह मिली है. टॉप-20 में अमेरिकी की कुल 8 यूनिवर्सिटी शामिल हैं.
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टॉप-200 में भारत के चार IIT
गुरुवार को दुनिया के सबसे अधिक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की, जिसमें बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) को दक्षिण एशिया का सबसे तेजी से उभरता हुआ संस्थान बताया गया है. QS की ओर से जारी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भारत के IITsc ने भी दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों की सूची में जगह बनाई है.
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क्यूएस रैंकिंग की इस सूची में आईआईटी बॉम्बे ने पांच पायदान की छलांग लगाते हुए 172वां स्थान हासिल किया है. IIT-बॉम्बे को भारत का दूसरा सबसे अच्छा संस्थान बताया गया है जबकि IIT-दिल्ली ने 11 स्थान ऊपर चढ़कर 174वां स्थान हासिल किया है. IIT-कानपुर ने 13 पायदान ऊपर चढ़कर इस रैंकिंग के इतिहास में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ 264वां स्थान हासिल किया है जबकि IIT-रुड़की 31 स्थानों की छलांग लगाते हुए अपने उच्चतम रैंक (369) पर पहुंच गया है.
भारत की सात यूनिवर्सिटी ने पहली बार लिस्ट में बनाई जगह
QS रैंकिंग की इस सूची में IIT-इंदौर को 396वां स्थान मिला है. रैंकिंग के अनुसार, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी लगातार तीसरे साल क्यूएस की इस सूची में सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाला निजी विश्वविद्यालय है. कुल 41 भारतीय विश्वविद्यालयों ने क्यूएस रैंकिंग की सूची में स्थान प्राप्त किया है, जिनमें 12 की रैंकिंग में सुधार हुआ है, 12 की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ, 10 संस्थानों की रैंक में गिरावट आई जबकि देश के सात विश्वविद्यालय पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए हैं.
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रैंकिंग के अनुसार, 13 भारतीय विश्वविद्यालयों ने अन्य वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने शोध प्रभाव में सुधार किया है. वहीं, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों की QS रैंकिंग में गिरावट आई है. दिल्ली विश्वविद्यालय को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 521-530 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 501-510 स्थान की श्रेणी में रखा गया था.
कई यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में हुई गिरावट
JNU को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 601-650 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 561-570 स्थान की श्रेणी में रखा गया था. जामिया मीलिया इस्लामिया को इस बार की क्यूएस रैंकिंग की सूची में 801-1000 स्थान की श्रेणी में रखा गया है जबकि पिछली बार इसे 751-800 स्थान की श्रेणी में रखा गया था. इसके अलावा जामिया हमदर्द को 1201-1400 स्थान की श्रेणी में रखा गया है. हैदराबाद विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और आईआईटी- भुवनेश्वर की रैंकिंग में भी गिरावट दर्ज की गई है.
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QS World University Ranking: टॉप-100 में एक भी भारतीय यूनिवर्सिटी नहीं, IISc बेंगलुरु ने IITs को पछाड़ा