पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने 1999 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया था. शरीफ का इशारा कारगिल युद्ध की ओर था, जब जनरल परवेज मुशर्रफ के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने भारत के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की कोशिश की थी.
सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी की आम परिषद को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा, '28 मई 1998 को पाकिस्तान ने 5 परमाणु परीक्षण किए थे. उसके बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया. लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया. यह हमारी गलती थी.’
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नवाज शरीफ और अटल बिहारी वाजपेयी ने यहां 21 फरवरी, 1999 को लाहौर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता के दृष्टिकोण की बात करने वाले इस समझौते ने एक बड़ी सफलता का संकेत दिया, लेकिन कुछ महीने बाद जम्मू-कश्मीर के करगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठ के कारण करगिल युद्ध हुआ.
'अमेरिका से मिला था 5 अरब डॉलर का ऑफर'
पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ मनाने के बीच पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने कहा, ‘राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए 5 अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन मैंने इनकार कर दिया. अगर (पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान खान जैसे व्यक्ति मेरी सीट पर होते तो उन्होंने क्लिंटन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता.’ (PTI इनपुट के साथ)
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'वाजपेयी के साथ किया गया समझौता पाकिस्तान ने तोड़ा', 25 साल बाद नवाज शरीफ ने कबूला सच