पाकिस्तान (Pakistan New Government) के चुनाव नतीजे आते ही सबको पता था कि बिलावल भुट्टो किंगमेकर (kingmaker) बनेंगे. वह अपने पिता को किंग बना देंगे ये शायद उनके पिता आसिफ अली जरदारी ने भी नहीं सोचा होगा. पाकिस्तान में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश छोड़ दी. इसकी जगह पर उन्होंने अपने पिता को प्रेसिडेंट पद देने की शर्त पर PMLN से हाथ मिला लिया है. अब इसके बाद पाकिस्तान में नई सरकार की तस्वीर साफ हो गई है. सबसे पहले आपको बताते हैं कि नवाज और बिलावल ने मिली जुली सरकार बनाने के लिए कौन सा फॉर्मूला अपनाया है और किस किस पार्टी को साथ लेकर सरकार बनाई है.
पाकिस्तान में हुए चुनाव में PML-N के 75 उम्मीदवार जीते हैं. बिलावल भुट्टों की पार्टी PPP के 54 उम्मीदवार जीते हैं, PMLN के 75, PPP के 54, इसके अलावा MQM के 17 और JUI के 4 उम्मीदवार मिलकर आंकड़ा डेढ़ सौ पहुंच रहा है. बहुमत के लिए चाहिए 134 का आंकड़ा, जिसे आसानी से पार कर लिया गया है.
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बिलावल भुट्टो ने नई सरकार का फॉर्मूला समझाया
बिलावल भुट्टो ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस दौरान उनके चेहरे पर गजब का उत्साह दिखा. सरकार बनाने को लेकर बड़ी-बड़ी बात कही. वो खुद तो प्रधानमंत्री नहीं बन पाए, लेकिन अपने पिता आसिफ अली जरदारी को दूसरी बार पाकिस्तान का राष्ट्रपति पद दिलवाने में जरूर कामयाब हो गए. इसकी खुशी आसिफ अली जरदारी के चेहरे पर भी दिखी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय जरदारी ने बिलावल को प्रिंस चार्मिंग(prince charming) कहकर और शहबाज़ शरीफ को भाई कहा.
12 दिनों की मशक्कत के बाद बनी सरकार
पिछले 12 दिन से पाकिस्तान की जनता कन्फ्यूज थी कि सरकार किसकी बनेगी और कब बनेगी. सरकार बनाने के लिए सबसे पहले नवाज शरीफ एक्टिव हुए थे, जिसमें उन्होंने बिलावल को साथ आने का ऑफर दिया था. इसके बाद Pakistan Muslim League Nawaz और Pakistan People's Party के बीच कई दौर की मीटिंग हुई, कई प्रस्ताव रखे, लेकिन बात फाइनल नहीं हुई.
दोनों पार्टियों के बीच इन प्रस्तावों पर चर्चा हुई
- पहला प्रस्ताव PPP अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने रखा था. इसमें बिलावल ने अपने लिए प्रधानमंत्री पद मांगा था, जिसे PML-N ने मानने से इंकार कर दिया था.
- इसके बाद दूसरा ऑफर नवाज शरीफ की तरफ से आया. नवाज शरीफ ने कहा गया कि पहले 3 साल के लिए शहबाज PM बनेंगे और बाद के 2 साल के लिए बिलावल PM बने. इस पर बिलावल भुट्टों ने न कह दिया
- इसके बाद तीसरा प्रस्ताव आया और बिलावल ने नवाज के सामने बात रखी कि पीएम, PML-N का बने और राष्ट्रपति उनके पिता आसिफ अली जरदारी को बनाया जाए. इस प्रस्ताव पर दोनों पार्टियां सहमत हो गई.
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पाकिस्तान में बनेगी शहबाज और PPP की सरकार
पाकिस्तान में शहबाज सरकार बनने जा रही है. लेकिन PMLN और PPP की सरकार में किसके पास कौन सा मंत्रालय होगा. सरकार में कौन कितना ताकतवर होगा. इसपर इस्लामाबाद से ZEE MEDIA संवाददाता अनस मलिक ने एक रिपोर्ट भेजी है. किसी भी मुल्क में जब भी कोई नई सरकार बनती है तो उसके सामने कई चुनौतियां होती है. इन चुनौतियों के बीच आम जनता को भी अपनी नई सरकार से कई उम्मीदें होती है.
एक भी सरकार पूरा नहीं कर पाई अपना कार्यकाल
पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां जनता को भी अपनी सरकारों पर भरोसा नहीं होता. पाकिस्तान में शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो ने सरकार बनाने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन मुल्क की जनता को इस खिचड़ी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है. पिछले 75 वर्षों में पाकिस्तान में कई बार तख्तापलट हुआ, कई सरकारें आई, लेकिन कोई भी सरकार 5 वर्ष का कार्यकाल पुरा नहीं कर पाई. इस बार भी कुछ ऐसा ही हो सकता है. इसलिए पाकिस्तान की जनता को भी शहबाज-बिलावल की नई सरकार पर भरोसा नहीं है.
पाकिस्तान में सरकार बदलने पर भी नहीं बदलते हालात
पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां सरकार तो बदलती है, लेकिन इस मुल्क के लोगों की किस्मत नहीं बदलती. जनता अपने वोटों से जो सरकार बनाती है. वो दावे तो करती है, लेकिन दावों पर अमल नहीं करती. अगर अमल करती तो इस देश की हालत इतनी खस्ता नहीं होती.
- पाकिस्तान पर इस समय 128 बिलियन डॉलर का कुल विदेशी कर्ज है.
- इस्लामाबाद के थिंक टैंक तबाड़लैब की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 तक, पाकिस्तान को लगभग 49.5 बिलियन अमेरीकी डॉलर का कर्ज चुकाना होगा, जिसमें से 30% ब्याज होगा.
महंगाई और ढहती अर्थव्यवस्था से पाकिस्तान का हाल बेहाल
नई सरकार के सामने महंगाई से पार पाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का मुश्किल टास्क है. मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
- मूडीज ने पाकिस्तान के कर्ज लेने की Credit Rating भी गिरा दी है. उसकी रेटिंग CAA1 से कम करके CAA3 कर दी गई है, जो डिफॉल्ट से सिर्फ 2 प्वाइंट ऊपर है.
- मूडीज का ये दावा पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था IMF के कर्ज के सहारे ही चल रही है. 2023 में ही पाकिस्तान को IMF से कर्जा मिला था, लेकिन 2024 की शुरुआत होते ही उसे फिर से कर्ज की जरूरत पड़ गई है.
नई सरकार के सामने हैं कई चुनौतियां
शहबाज़ और बिलावल को सत्ता, कुर्सी, पद दिख रहा है, महंगाई, कर्ज, बिजली संकट, पेट्रोल-डीजल ऐसी तमाम चुनौतियां शहबाज और बिलावल का इंतजार कर रही है. जिनसे निपटना ही नई सरकार का सबसे बड़ा चैलेंज है.पाकिस्तान की किस्मत में फिर वही पुराने और घिसे पिटे चेहरे आए हैं जो इमरान के जाने के बाद देश को चला रहे थे.सच्चाई ये भी है कि शहबाज की पुरानी सरकार के समय पाकिस्तान की हालत और खराब हुई थी. इसलिए इस मुल्क की जनता को भी नई सरकार से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.
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