पाकिस्तान में गुरुवार यानी 8 फरवरी को आम चुनाव होगा. चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. लगभग 6,50,000 जवानों को तैनात किया गया. अधिकारियों ने बताया कि इस चुनाव में 12.85 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता मतदान करेंगे और अगले पांच वर्ष के लिए देश का भविष्य तय करेंगे. यह चुनाव ऐसे समय हो रहा है जब पाकिस्तान बुरी तरह महंगाई की मार से जूझ रहा है. इस बीच एक के बाद एक धमाके भी हो रहे हैं.
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सुरक्षाकर्मी व्यवस्था की गई है. साढे छह लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. इनमें पुलिस, नागरिक सशस्त्र बल और सशस्त्र बल के जवान शामिल हैं. मतदान गुरुवार को सुबह 8 बजे से शुरू होगा और शाम 5 बजे तक जारी रहेगा. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) के अनुसार कुल 12 करोड़ 85 लाख 85 हजार 760 पंजीकृत मतदाता वोट देने के पात्र हैं.
नेशनल असेंबली की कुल कितनी सीटें?
नेशनल असेंबली की 266 सीटों के लिए कुल 5121 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से 4807 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं. चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12,695 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 12,123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर शामिल हैं. पाकिस्तान चुनाव ने बताया कि पीठासीन अधिकारी, जिन्हें पहले से ही मजिस्ट्रेट की विशेष शक्तियां दी गई हैं, पुलिस और सैन्यकर्मियों की सुरक्षा में मतदान सामग्री को मतदान केंद्रों तक ले जाएंगे.
किस प्रांत में कितने वोटर्स
ईसीपी के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में सबसे अधिक 7.32 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं. इसके बाद सिंध में 2.7 करोड़, खैबर पख्तूनख्वा में 2.2 करोड़, बलूचिस्तान में 54 लाख और राजधानी इस्लामाबाद में लगभग 11 लाख मतदाता हैं. आंकड़ों के अनुसार ईसीपी ने देशभर में 9,07,675 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें पुरुष मतदाताओं के लिए 25,320, महिलाओं के लिए 23,952 और अन्य 41,403 मिश्रित मतदान केंद्र शामिल हैं.
आयोग ने कहा कि 44,000 मतदान केंद्र सामान्य हैं जबकि 29,985 को संवेदनशील और 16,766 को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है. आतंकवादी समूहों की ओर से हमलों के खतरे के कारण सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. दूरसंचार नियामक, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि चुनाव के दिन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. पीटीए ने कहा कि मतदान के दिन लोगों के लिए इंटरनेट सुविधा उपलब्ध रहेगी.
किसका पलड़ा भारी?
पाकिस्तान के राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग का पलड़ा भारी लग रहा है. क्योंकि मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के मुखिया इमरान खान जेल में हैं. इमरान खान पर चुनाव लड़ने पर बैन लगा हुआ है. उनके अलावा पीटीआई के कई बड़े नेता भी सेना और जांच एजेंसियों के डर की वजह से पार्टी छोड़ चुके हैं. पाकिस्तान चुनाव में सेना का काफी हस्तक्षेप रहता है. वो जिस पार्टी का समर्थन करती है, वही गद्दी पर बैठता है.
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