डीएनए हिंदी: बाल्टिक सागर में नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन (Nord Stream Gas Pipeline) से गैस लीक हो रही है. पिछले 36 घंटों में गैस पाइपलाइन के पास विस्फोट की घटनाएं भी हुई हैं. इसी को लेकर रूस और यूरोप एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. यूरोप ने आरोप लगाए हैं कि रूस की ओर से जानबूझकर इस तरह के प्रयास किए गए हैं कि गैस पाइपलाइन को खराब किया जा सके. यूरोपीय देशों ने एक सुर में कहा है कि इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं, समुद्र में गैस लीक होने की वजह से पर्यावरण को भी बड़ा खतरा हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा जा रहा है कि स्वीडन और डेनमार्क दोनों के स्टेशनों ने उसी क्षेत्र में पानी के भीतर विस्फोट दर्ज किए, जहां सोमवार को गैस रिसाव हुआ था. स्वीडिश नेशनल सिस्मिक नेटवर्क (एसएनएसएन) में भूकंप विज्ञान के लेक्च रर ब्योर्न लुंड ने एसवीटी के हवाले से कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये विस्फोट हैं. पहला धमाका सोमवार की रात 2.03 बजे और दूसरा सोमवार शाम को 7.04 बजे दर्ज किया गया.' समुद्री प्रशासन की ओर से दोपहर 1.52 बजे गैस रिसाव की चेतावनी दी गई.
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रूस पर भड़का यूरोपीय यूनियन
यूरीपोय यूनियन के 27 सदस्य देशों की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'सभी उपलब्ध जानकारी और सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि रिसाव जानबूझकर किए गए कृत्यों का परिणाम है. यूरोपीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे में जानबूझकर कोई भी व्यवधान डालने की कोशिश पूरी तरह से अस्वीकार्य है. एकजुटता से इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा.'
कुछ यूरोपीय नेताओं और विशेषज्ञों ने इस कृत्य के लिए यूक्रेन में युद्ध के कारण रूस के साथ ऊर्जा गतिरोध को जिम्मेदार ठहराया है. गौरतलब है कि नॉर्ड स्ट्रीम 1 और 2 पाइपलाइन में रिसाव के तीन मामले सामने आए, जो प्राकृतिक गैस से भरी हैं लेकिन यूरोप में ईंधन की आपूर्ति नहीं कर पा रहीं. विश्लेषकों के अनुसार, नुकसान का मतलब यह है कि इस सर्दी के मौसम में पाइपलाइन के जरिए यूरोप में गैस पहुंचाना संभव नहीं होगा. बोरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ घटना के संबंध में हर तरह की जांच का समर्थन करेगा और ऊर्जा सुरक्षा क्षेत्र में और लचीलापन लाने के लिए कदम उठाएगा.
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पर्यावरण को किस तरह है खतरा पैदा करती है गैस लीक की घटना?
आपको बता दें कि गैस पाइपलाइन में मुख्य रूप से मीथेन की सप्लाई होती है. मीथेन एक खतरनाक ग्रीनहाउस गैस है. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि गैस लीक की ऐसी घटनाओं से पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो सकता है. हालांकि, अभी तक यह अनुमान नहीं लगाया जा सका है कि पर्यावरण को यह खतरा कितने बड़ा होगा.
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर गैस पाइपलाइन फेल होती है तो इसका असर काफी भयावह होगा. अभी यह अनुमान लगाया जाना है कि गैस कितनी तेज लीक हो रही है और पानी में मौजूद माइक्रोब्स इस गैस को किस रफ्तार से सोख सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि अभी यह गैस कई दिनों तक लीक होती रहेगी.
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नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन से लीक हो रही है गैस, जानिए पर्यावरण को किस तरह से है खतरा