डीएनए हिंदी: साइबर-सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल की दूसरी छमाही में मेटावर्स (Metaverse) पर साइबर अटैक की घटनाएं बढ़ेंगी, वहीं छोटे ग्रुप्स पर रैंसमवेयर का खतरा मंडराएगा. 2022 की दूसरी छमाही में, रैंसमवेयर इकोसिस्टम और ज्यादा कमजोर होगा. रिसर्च में यह भी दावा किया गया है कि यह अटैकर्स को कुछ बड़े समूहों की जगह कई छोटे और मध्यम समूहों को निशाना बनाएंगे.
क्रिप्टो अटैकर्स की नजर हर असेट पर होती है. अब मेटावर्स पर हमले की तैयारी बड़े स्तर पर की जा रही है. छोटे-छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रेक्ट को ब्रेक कर साइबर अटैकर्स हमला करना चाहते हैं. दुनिया भर में साइबर हमले 42 प्रतिशत बढ़े हैं. रैंसमवेयर का खतरा अब ग्लोबल लेवर पर बढ़ता जा रहा है.
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प्रोफेशनल तरीके से होगा साइबर अटैक
रिपोर्ट के मुताबिक रैंसमवेयर अब प्रोफेशनल तरीकों से टार्गेट कर रहे हैं. पहले की तुलना में अब ज्यादा खतरनाक तरीके से हैकर्स काम कर रहे हैं. अटैकर्स ने अलग-अलग लेवल पर वेपन सेट किए हैं जिसकी वजह से साइबर अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है.
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कहां-कहां होगा साइबर अटैक?
चेक प्वाइंट सॉफ्टवेयर में वीपी रिसर्च माया होरोविट्ज़ ने कहा, 'हमने इस साल सभी क्षेत्रों और सभी देशों में संगठनों के खिलाफ साइबर अटैक के मामलों में इजाफा देखा है. दुर्भाग्य से, यह रैंसमवेयर के साथ सबसे बड़ा खतरा होगा.'
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रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हैक्टिविस्ट समूह अपने चुने हुए ग्रुप पर अटैक जारी रखेंगे जिससे वे सिस्टम को कमजोर कर सकें.
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मेटावर्स पर हो रही बड़े साइबर अटैक की तैयारी, क्यों चौंकाती है ये रिपोर्ट?