डीएनए हिंदी: ट्विटर (Twitter) की कमान जबसे एलन मस्क (Elon Musk) ने संभाली है, तब से टेक कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू हो गया है. हजारों लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब उन्हीं की राह पर फेसबुक (Facebook) की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) भी निकल पड़ी है. अब एलन मस्क की तरह मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) भी अलग रणनीति पर काम कर रहे हैं.

मेटा ने करीब 11,000 लोगों को बाहर कर दिया है. मेटा ने अपने 13 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहा है. कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने अपने कर्मचारियों को बुधवार को एक चिट्ठी लिखी, जिसके बाद यह साफ हो गया कि वह भी एलन मस्क की राह पर आगे बढ़ रहे हैं.

मेटा अपने 18 साल के इतिहास में पहली बार इतने बड़े स्तर पर लोगों को बाहर की राह दिखा रही है. मेटा को छंटनी पर क्यों मजबूर होना पड़ा, अर्थव्यवस्था के लिए लिहाज से यह कैसा है, भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा आइए समझते हैं.  

मस्क के हाथों में आते ही ट्विटर की बदली तकदीर, 55 फीसदी बढ़ा ग्लोबल मार्केट शेयर

क्या बुरे दौर से गुजर रही है Meta?

मेटा को पर्याप्त विज्ञापन नहीं मिल पा रहे हैं. विज्ञापन से आने वाले रेवेन्यू में लगातार गिरावट देखी जा रही है. कंपनी के अलग-अलग प्रोजेक्ट में शामिल होने की वजह से खर्चे बढ़ गए हैं. कंपनी अब नई हायरिंग से बच रही है और खर्च में कटौती कर रही है. फिलहाल इस तिमाही में मेटा की यही रणनीति रहने वाली है.  

ट्विटर स्टाफ को एलन मस्क का पहला ईमेल, 40 घंटे करना होगा काम

लोगों को बाहर की राह दिखाने से पहले मेटा ने कुछ ऐसे कदम उठाए थे जो जाहिर कर रहे थे कि कंपनी में सबकुछ ठीक नहीं है. मेटा का रियल स्टेट बिजनेस भी फ्लॉप शो की तरह रहा है. मेटा ने अपने कर्मचारियों को देने वाले कुछ सुविधाओं में कटौती की थी, तभी यह कहा जा रहा था कि कंपनी घाटा झेल रही है.

क्यों मेटा के कारोबार में लगातार आ रही है गिरावट?

मेटा अपनी महत्वाकांक्षी मेटावर्स परियोजना पर बड़ी रकम खर्च कर रहा है. मेटा को मिलने वाले विज्ञापन कम हुए हैं. कोविड महामारी के दौरान कई टेक फर्म सामने आए थे. लोग लॉकडाउन और महामारी की वजह से घरों में कैद थे और ऑनलाइन डिजिटल डिवाइस पर ज्यादा वक्त बिताते थे. महामारी से निपटने के बाद एक बार फिर जन-जीवन सामान्य हो गया. टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म फेसबुक को कड़ी टक्कर देने लगे.

6 साल बाद भी कैश ही किंग, नकली नोट बढ़े, ब्लैक मनी भी अपार

मार्क जुकरबर्ग ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'कोविड के दोरान ऑनलाइन गतिविधियां तेजी से बढ़ गई थीं. ई-कॉमर्स में इजाफा आ गया था. कई लोगों ने कहा था कि यह बढ़त स्थाई होगी. मैंने निवेश में इजाफा कर दिया. दुर्भाग्य से यह अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा. प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, विज्ञापन कम आ रहे हैं, इसकी वजह से हमारे राजस्व में गिरावट देखी जा रही है. यह मुझे गलत लग रहा है, इसकी जिम्मेदारी में ले रहा हूं.'

साथ ही मेटा के निवेशक फंड के मेटावर्स में जाने से नाखुश हैं. मेटा ने हर साल मेटावर्स में 10 बिलियन डॉलर निवेश करने का लक्ष्य रखा है. 71 फीसदी शेयर मेटावर्स की ओर जा रहे हैं. यह निवेशकों को रास नहीं आ रही है.

Carolina Reaper खाने का बना नया रिकॉर्ड, कैसे मापते हैं मिर्ची का तीखापन, क्या हो सकते हैं नुकसान

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीते महीने मेटा का मेटावर्स पर तगड़ा झटका झेला है. इस प्रोजेक्ट का ऑपरेटिंग लॉस करीब 3.67 बिलियन डॉलर रहा है. घाटे के लगातार बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. अमेरिका  की आर्थिक मंदी को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. अगर ऐसा ही घाटा बढ़ता रहा तो मार्क जुकरबर्ग और कड़े कदम उठा सकते हैं.

किस ओर इशारा कर रही है दिग्गज कंपनियों की छंटनी?

दुनिया वैश्विक मंदी की ओर बढ़ रही है. दिग्गज कंपनियों में शुरू हुई छंटनी यह साफ इशारा कर रही है. मेटा भी इससे नहीं बच सकी है. शुरुआत से ही मेटा का रुख अपने कर्मचारियों के लिए अच्छा रहा है. यह पहली बार है जब बड़ी संख्या में लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. वैश्विक स्तर पर भी इसका असर साफ दिख रहा है. 

भारतीय कर्मचारियों पर क्या पड़ेगा असर?

मार्क जुकरबर्ग का यह प्लान साफ इशारा कर रहा है कि उनके इस प्लान का असर वैश्विक तौर पर भी पड़ने वाला है. भारतीयों की भी नौकरी दांव पर लगने वाली है. जिन लोगों को बाहर की राह दिखाई गई है, उनमें भारतीय भी शामिल रहे हैं. छंटनी का असर इन पर पड़ रहा है. अभी मार्क जुकरबर्ग ने साफ किया है कि जिनकी नौकरी जा रही है, उन्हें नोटिस पीरियड दिया जा रहा है. कंपनी किसी को परेशानी में छोड़ने वाली नहीं है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Meta Facebook cutting jobs fire people Elon Musk Twitter layoffs Impact on India
Short Title
Twitter के बाद मेटा में शुरू छंटनी का दौर
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग (फाइल फोटो)
Caption

Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग (फाइल फोटो)

Date updated
Date published
Home Title

Twitter के बाद मेटा में शुरू छंटनी का दौर, क्यों एलन मस्क की राह पर चले मार्क जुकरबर्ग?