डीएनए हिंदी: इस वक्त भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का पूरा चुनाव प्रचार भारत विरोधी था और राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने चीन के लिए अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है. चीन परस्त राष्ट्रपति ने अपने ही देश के 14 साल के ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित किशोर को भारत को डोर्नियर विमान के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी. आरोप है कि सही इलाज नहीं मिलने की वजह से किशोर को अचानक स्ट्रोक आ गए और इसमें उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से खुद अपने देश में राष्ट्रपति निशाने पर आ गए हैं. इससे पहले भी मालदीव के मंत्रियों के भारत विरोधी बयानु की आलोचना हुई थी और खुद विपक्षी पार्टी ने उन बयानों को शर्मनाक करार दिया था.
मालदीव मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि शनिवार (20 जनवरी) को मालदीव में 14 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. आरोप है कि कथित तौर पर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने उसे एयरलिफ्ट के लिए भारत के दिए डोर्नियर विमान का उपयोग करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. सोशल मीडिया पर इस घटना की काफी निंदा हो रही है और राष्ट्रपति मुइज्जू के हठ को उस किशोर की हत्या के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं.
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डोर्नियर विमान के इस्तेमाल की नहीं दी मंजूरी
मालदीव की मीडिया में लड़के पिता की ओर से दिए बयान के मुताबिक, बेटे के स्ट्रोक के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया था. हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया गया. ऐसी नाजुक स्थिति में तत्काल एंबुलेंस की जरूरत होती है. परिवार ने हालत बिगड़ने पर माले लेकर गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. दूसरी ओर एयर एंबुलेंस परिचालन वाली कंपनी आसंधा कंपनी लिमिटेड ने कहा कि अनुरोध के साथ ही निकासी प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से देरी हुई.
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विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति पर साधा निशाना
इस घटना की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है और मालदीव के विपक्षी सांसदों ने इस घटना के लिए राष्ट्रपति को जिम्मेदार ठहराया है. मालदीव के सांसद मीकैल नसीम ने कहा, 'भारत के प्रति राष्ट्रपति की दुश्मनी इतनी बढ़ गई है कि उन्हें संतुष्ट करने के लिए लोगों को अपनी जान देकर इसकी कीमत नहीं चुकानी चाहिए.' परिवार का कहना है कि अगर सही समय पर एयर एंबुलेंस की मदद मिल जाती तो शायद बच्चे को बचाया जा सकता था.
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भारत के विरोध में अंधे हुए मुइज्जू, राष्ट्रपति की जिद ने ली किशोर की जान