डीएनए हिंदी: टाटा ग्रुप (Tata Group) को अपने स्वामित्व वाली भारतीय एयरलाइंस एअर इंडिया (Air India) की एक खास पॉलिसी के कारण 121.5 मिलियन डॉलर (करीब 983 करोड़ रुपये) का झटका लगेगा. एअर इंडिया फ्लाइट कैंसिल होने या उसमें बदलाव होने की स्थिति में 'मांगने पर रिफंड (refund on request)' की पॉलिसी से काम करती है, लेकिन यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन (US Department of Transportation) ने इस पॉलिसी को अपने नियमों के खिलाफ बताया है. अमेरिकी नियमों के मुताबिक, किसी भी एअर करियर को फ्लाइट में बदलाव करने या उसे रद्द करने की स्थिति में टिकट का रिफंड कानूनी तौर पर पैसेंजर को देना होता है. डिपार्टमेंट ने इसी आधार पर एअर इंडिया को 983 करोड़ रुपये का टिकट रिफंड चुकाने का आदेश दिया है. साथ ही यात्रियों को यह रिफंड चुकाने में की गई बेइंतहा देरी के लिए 1.4 मिलियन डॉलर (11.33 करोड़ रुपये) का जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है. टाटा ग्रुप ने पिछले साल सरकारी एयरलाइंस एअर इंडिया को भारत सरकार से करीब 26 हजार करोड़ रुपये के साथ खरीदा था. इतने बड़े कर्ज को चुकाने के साथ ही अब यह नया भुगतान भी उसके पल्ले पड़ गया है.
टाटा के अधिग्रहण से पहले का है रिफंड
PTI के मुताबिक, एअर इंडिया को जिन टिकटों के रिफंड का पेमेंट करने के लिए कहा जा रहा है और जो जुर्माना एयरलाइंस चुकाने को तैयार हुई है, वो सब मामले एयरलाइंस के सरकार से टाटा ग्रुप द्वारा अधिग्रहण करने से पहले के हैं.
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महामारी के दौर के हैं ज्यादातर रिफंड कंपलेंट
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक, यह रिफंड एअर इंडिया को अपनी फ्लाइट्स रद्द करने या उनमें बदलाव करने के लिए चुकाना होगा. इनमें से ज्यादातर फ्लाइट महामारी के दौर की थीं. अधिकारियों ने सोमवार को यह भी बताया कि एअर इंडिया उन 6 एयरलाइंस में से एक हैं, जिन्होंने रिफंड के तौर पर कुल 60 करोड़ डॉलर से ज्यादा रकम चुकाने पर हामी भरी है. बाकी 5 एयरलाइंस में फ्रंटियर, TAP पुर्तगाल, एयरो मेक्सिको, El AI और एवियांका शामिल हैं.
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1,900 रिफंड कंपलेंट थीं एयरलाइंस के खिलाफ
ऑफिशियल जांच के मुताबिक, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन के पास 1,900 रिफंड कंपलेंट्स फाइल की गई थीं, जिनमें से आधी से ज्यादा को प्रोसेस करने में एअर इंडिया ने 100 दिन से भी ज्यादा समय लिया है. एअर इंडिया ने उन पैसेंजर्स का रिफंड प्रोसेस करने में लगने वाले समय की जानकारी देने के लिए कोई एजेंसी भी तय नहीं की, जिन्होंने सीधे उसके पास ही शिकायत दर्ज की थी और रिफंड रिक्वेस्ट दाखिल की थी.
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Air India की इस पॉलिसी से टाटा ग्रुप को लगेगा झटका, USA को चुकाने होंगे 983 करोड़ रुपये