डीएनए हिंदी: 37 सालों तक 31 महिलाओं का रेप करने वाले सीरियल रेपिस्ट का पता लगाने के लिए 30 साल गए, जब पुलिस आरोपी तक पहुंची तो पता चला कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. यह मामला ऑस्ट्रेलिया का है. जहां एक रेपिस्ट की पहचान तब हो सकी, जब उसकी मौत हो चुकी थी. अब पुलिस न तो उसे गिरफ्तार कर सकती है और न ही सजा दिला सकती है, हालांकि जब यह बात सीरियल रेपिस्ट आरोपी के परिजनों को पता लगी. तो वह भी हैरान रह गए. 

37 सालों तक 31 महिलाओं को हवस का शिकार बनाने वाले सीरियल रेपिस्ट की पहचान कीथ सिम्स के रूप में हुई है. बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो कीथ सिम्स ने 40 साल पूर्व 1985 में पहली बार रेप की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद सिम्स ने सिलसिले वार तरीके से 1985 से 2001 के बीच 18 सालों में 31 महिलाओं के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया. आरोपी हर साल दो महिलाओं को अपना शिकार बनाता था. 2001 में कीथ सिम्स ने आखिरी बार कब्रिस्तान में महिला को अपना शिकार बनाया. 

घर में घुसकर रेप की वारदात को अंजाम देता था आरोपी

जांच में सामने आया कि सीरियल रेपिस्ट साल में कम से कम दो महिलाओं के साथ रेप (Rape) की वारदात को अंजाम देता था. उसने 14 से 55 वर्ष के बीच की महिलाओं को ही अपना शिकार बनाया. आरोपी घर में घुसकर या फिर महिलाओं की चहलकदमी की आवाज सुनकर उनका पीछा करता था. इसबीच ही मौका मिलते ही उन्हें दबोच लेता था. इसके बाद घिनौनी वारदात को अंजाम देकर आरोपी फरार हो जाता था. इसी तरह आरोपी ने एक के बाद एक कर 31 महिलाओं के रेप की वारदात को अंजाम दिया. 

22 साल पूर्व पुलिस ने शुरू किया सबूत एकत्र का काम 

31 सालों तक हुए इन रेप मामलों की जांच 2000 तक दूसरे तरीकों से की जा रही थी. कुछ चीजें जांचों में सामने आई तो पुलिस ने इन्हें जोड़ना शुरू किया. जांच में 12 रेप पीड़िताओं का डीएनए एक मिला. इसके अलावा 19 मामलों में पीड़िताओं के बयान और उन से पूछताछ की गई तो सीरियल रेपिस्ट का तरीका एक जैसा निकला. उसने सभी पर एक कही तरीके से हमला कर उन्हें अपना शिकार बनाया. 

शारीरिक बनावट से लेकर हमले का तरीका मिला समान

पुलिस ने 31 रेप पीड़िताओं से रेपिस्ट को की कद काठी, उसका हुलिया, उसका हमला करने का तरीका से लेकर अन्य जानकारी पता की. सभी की जानकारी एक दूसरे मिलती जुलती हुई थी. शख्स की लंबाई 160 से 180 सेंटीमीटर के बीच बताई गई. त्वचा का रंग काला, चौड़ी नाक, आंखें भूरी थी. हमलावर ट्रैक सूट, हुडी या फिर फुटबॉल शॉट्स पहने रखता था. हमले के समय रेपिस्ट अपना चेहरा ढककर रखता था. वह महिलाओं पर हमला करने वे पहले उन्हें चाकू का डर दिखाकर धमकाता था. इसके बाद रेप की वारदात को अंजाम देता था.

सितंबर में सीरियल रेपिस्ट कीथ सिम्स की हो सकी पहचान

2019 में मामलों की जांच में भारी भरकम डेटाबेस में से 324 मामलों की स्टडी की गई. इनमें डीएनए के सैंपलों के आधार पर एक ही डीएनए मैच हुआ. टीम ने अपना काम जारी रखा. डीएनए की तकनीकी मदद से सितंबर माह में जांचकर्ताओं ने पुख्ता रिपोर्ट सामने आई. इसमें पता चला कि सीरियल रेपिस्ट कीथ सिम्स हैं. उसी ने इन वारदातों को अंजाम दिया है.

फरवरी में हो चुकी ​सिम्स की मौत

टीम ने जब कीथ सिम्स के परिवार से संपर्क किया तो पता चला कि उसकी फरवरी माह में 66 वर्ष की उम्र में मौत हो गई. वहीं पुलिस भी इस पर विश्वास नहीं कर पा रहा है, हालांकि वहां कि खबरों की मानें तो सिम्स की पहचान एक अच्छे पिता, बाबा और समुदाय के रूप में थी. 

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37 साल पहले 31 महिलाओं का हुआ रेप, अब हुई सीरियल रेपिस्ट की पहचान फिर भी
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37 साल पहले 31 महिलाओं का हुआ रेप, अब हुई सीरियल रेपिस्ट की पहचान फिर भी गिरफ्तार नहीं कर सकती पुलिस