भारतीय मूल के एक परिवार की कजाकिस्तान की यात्रा उस समय एक बुरे सपने में बदल गई जब पति फिसल गया और उसकी जांघ की हड्डी टूट गई. इसकी वजह से परिवार को अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े. पति को ठीक कराने का खर्चा इतना आ गया है कि सपने में भी नहीं सोचा था. साथ ही अधिकारियों ने भी सहयोग नहीं किया. एक्स यूजर जेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल थ्रेड में परिवार की पीड़ा के बारे में बताया है, ताकि अन्य यात्रियों को विदेश जाने से पहले यात्रा बीमा करवाने की सलाह मिल सके. ये परिवार भारत के केरल का रहने वाला है.
जेडी ने बताया कि जब यह दुःस्वप्न सामने आया, तब उनके दोस्त का कजिन कुवैत से मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान गया था. उस व्यक्ति के साथ उसकी पत्नी और 4 और 6 साल के दो छोटे बच्चे भी थे. जेडी ने एक्स पर लिखा, 'मेरे दोस्त के कजिन ने पत्नी और 4 और 6 साल के दो बच्चों के साथ नए साल की छुट्टी मनाने के लिए कुवैत से कजाकिस्तान की यात्रा की. उन्होंने उस व्यक्ति को केवल 'जे' अक्षर दिया, उसका पूरा नाम नहीं बताया. 'शुक्रवार की सुबह, 'जे' बर्फ पर फिसल गया और गिरने की वजह से उसके नितंब में चोट लग गई . 'इस वजह से उसकी जांघ की हड्डी टूट गई.'
कोई भारतीय फ्लाइट नहीं...
भारतीय मूल के व्यक्ति को कजाकिस्तान के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसे बताया गया कि उसे तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होगी. हालांकि, उसकी पत्नी देश में चिकित्सा देखभाल की गुणवत्ता के बारे में अनिश्चित थी और उसने कई स्थानीय मलयाली लोगों से उनकी राय जानने के लिए संपर्क किया. मलयाली एसोसिएशन ऑफ कजाकिस्तान ने पत्नी से संपर्क किया और उसे वहां सर्जरी न करवाने की सलाह दी. इसके बजाय, उन्होंने कहा कि परिवार को चिकित्सा उपचार के लिए कुवैत या केरल वापस जाना चाहिए.
My friend's cousin travelled to Kazakhstan from Kuwait for a new year getaway with wife & 2 kids aged 4 & 6.
— JD ജെ. ഡി. (@jillsdaniel) January 5, 2025
What was supposedly a dream trip to a winter wonderland, quickly turned into a nightmare.
On Friday morning, 'J' slipped on the snow & fell hard on his butt
1/10 pic.twitter.com/JGYvH1Ucyc
पत्नी ने किया भारतीय दूतावास से संपर्क
परेशान हो चुकी पत्नी ने भारतीय दूतावास से संपर्क किया. जेडी ने अपने थ्रेड में कहा कि दूतावास के अधिकारी 'उदासीन' थे. उन्होंने उसे बस एयर अस्ताना का संपर्क नंबर दिया ताकि उसे उड़ान भरने के बारे में पता चल सके. एक्स यूजर ने कहा, 'हमारे अधिकारियों ने संपर्क करने या मदद के लिए उसके साथ जाने की जहमत तक नहीं उठाई.' भाषा की बाधा ने उनकी स्थिति को और जटिल बना दिया. इस बीच भारतीय परिवार को कजाकिस्तान से उड़ान भरने में एक और समस्या का सामना करना पड़ा. वो थी पति उड़ान के दौरान बैठ नहीं सकता था और उसे पीठ के बल लिटाकर लाना पड़ा. दुर्भाग्य से, देश से उड़ान भरने वाली किसी भी एयरलाइन के पास स्ट्रेचर की सुविधा नहीं थी.
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एयर एम्बुलेंस का खर्च 6-7 मिलियन
दूसरी ओर, उसे एयर एम्बुलेंस से ले जाने का खर्च बहुत ज्यादा था. जेडी ने एक्स पर लिखा, 'उसने कई एयरलाइनों - क्यूए, ईके, एआई सहित जजीरा एयरलाइन्स से यात्रा करने की कोशिश की, जिसके साथ वे कुवैत से उड़ान भरते थे. भारत के लिए एयर एम्बुलेंस का खर्च 6-7 मिलियन डॉलर आता.' बाद में उन्हें इंडिगो की एक फ्लाइट मिली भी, लेकिन इंडिगो चाहता है कि मेडिकल इवैक्यूएशन फॉर्म पर कज़ाख डॉक्टर के हस्ताक्षर हों और उसमें भी उस डॉक्टर के जो अस्पताल में काम करता हो.' पोस्ट के अंत में जेडी ने लोगों को सुझाव दिया कि विदेश की यात्रा करने से पहले वहां से जुड़ी सभी तैयारियां करके जाएं.
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