इजरायल (Israel) के नए नक्शे ने वैश्विक जगत में भूचाल ला दिया है. नया नक्शा ग्रेटर इजरायल प्लान के अनुसार है और इसमें बाइबल में बताए गए इजरायल के बॉर्डर को दिखाया गया है. इस नक्शे की मुस्लिम देशों ने कड़ी आलोचना की है. सऊदी अरब और जॉर्डन ने इसे विस्तारवादी सोच करार दिया है. इजरायल के विदेश मंत्रालय की ओर से यह मैप जारी किया गया है.
इजरायल के विदेश मंत्रालय के अरबी भाषा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मैप को साझा किया गया है. इसमें बाइबल में शामिल प्राचीन यहूदी राज्य की सीमाओं तक इजरायल को दिखाया गया है. जानें क्या है इजरायल का यह नया नक्शा, जिस पर कूटनीतिक बवाल मच गया है.
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क्या है ग्रेटर इजरायल प्लान
ग्रेटर इजरायल प्लान क्या है, सबसे पहले इसे समझते हैं.यहूदी धर्म और उससे जुड़े जायोनिस्ट आंदोलन की परिकल्पना ग्रेटर इजरायल है. इस योजना में इजरायल की कल्पना एक ऐसे राज्य के तौर पर की गई है, जिसकी सीमाएं मिस्र की नील नदी से लेकर मदीना को छूते हुए लेबनान तक हैं. ग्रेटर इजरायल के इस नक्शे में फिलिस्तीन कहीं नहीं है और अरब देश जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र, लेबनान और इराक भी शामिल हैं.यहूदी धर्म के पवित्र तीर्थ स्थल माउंट सिनाई समेत कई दूसरी जगहें ग्रेटर इजरायल में शामिल हैं.
क्या है अरब देशों की इस पर आपत्ति
दरअसल ग्रेटर इजरायल की संकल्पना में अरब देशों के बड़े हिस्से को शामिल किया गया है. यही वजह है कि इजरायल के नए मैप पर सऊदी अरब और जॉर्डन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इसे इजरायल की विस्तारवादी सोच का नतीजा बताया है. अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घेइत ने कहा कि यह तनाव को बढ़ावा देने वाला कदम है. यूएई ने भी इस नक्शे की आलोचना करते हुए इसे साम्राज्यवादी सोच करार दिया है.
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इजरायल के नए नक्शे पर बवाल
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