डीएनए हिंदी: हमास के खिलाफ एक महीने में इजरायल ने जबरदस्त कार्रवाई की है. ऐसा नहीं लगता कि आगे इजरायल के हमलों में कमी आएगी. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बार-बार कह रहे हैं कि इजरायल हमास पर हमले नहीं रोकेगा. हमास के खात्मे तक कार्रवाई जारी रहेगी. जानकारों का यही मानना है कि इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध अभी लंबा खिंचेगा. ऐसे हालात बन रहे हैं जो इस युद्ध के आगे बढ़ने की तरफ इशारा करते हैं. गाजा पट्टी में इजरायल के आक्रामक रुख और हमास को खत्म करने की चेतावनी के पीछे देश की राजनीति और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अपनी छवि का भी बड़ा हाथ है. DNA TV Show में युद्ध के साथ राजनीतिक पहलू का विस्तार से विश्लेषण किया गया है.
हमास के खिलाफ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कड़ा रुख यूं ही नहीं है, बल्कि 7 अक्टूबर के हमले ने उनकी छवि को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. कुछ दिन पहले हमास के हमले को रोक पाने में इजरायल क्यों नाकाम रहा, इसे लेकर एक सर्वे किया गया था. सर्वे की रिपोर्ट में जो बात मुख्य तौर पर सामने आई है वह है कि ज्यादातर इजरायली नागरिक इसे सीधे तौर पर प्रधानमंत्री की असफलता मान रहे हैं. हमले के एक महीने के बाद भी वह बंधकों को छुड़ाने में असफल रहे हैं.
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सर्वे में आई प्रमुख बातें हैं:
- सर्वे में शामिल 80 फीसदी लोगों ने माना था कि हमास का हमला नहीं रोक पाने के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जिम्मेदार हैं.
- सिर्फ 8 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि हमला ना रोक पाने के जिम्मेदार प्रधानमंत्री नहीं हैं.
- सर्वे में शामिल 65 फीसदी लोगों ने गाजा में जमीनी हमले को समर्थन किया है.
- हालांकि, 21 फीसदी लोगों ने गाजा में जमीनी हमले का समर्थन नहीं किया है.
हमास के खिलाफ सख्ती छवि सुधारने की कोशिश
हमास के हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री की छवि खराब हुई है. इजरायल में उनकेके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है. गुस्साए लोग इजरायल के अलग अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं. बंधकों को रिहा कराने में नाकाम रहने पर प्रधानमंत्री से इस्तीफा तक मांग डाला. माना जा रहा है कि देश में अपने खिलाफ बनते माहौल को ठीक करने के लिए नेतन्याहू ने हमास के प्रति कड़ा रुख अपनाया हुआ है. इजरायल डिफेंस फोर्स की तरफ से जो ताजा बयान आया है उससे भी यही इशारा मिलता है.
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बेंजामिन नेतन्याहू गुजर रहे मु्श्किल दौर से
बंधकों की रिहाई के लिए उनके परिजन इजरायल में प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे प्रधानमंत्री पर दबाव बढ़ रहा है. पहले से मुश्किलों में घिरे नेतन्याहू के लिए ये फिक्र की बात है, तो दूसरी तरफ सर्वे रिपोर्ट भी उनकी चिंता बढ़ा रहे हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले नेतन्याहू ने हमास का हमला रोक पाने के लिए खुफिया एजेंसी और उनके अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था. इसे लेकर नेतन्याहू ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया था. हालांकि, बाद में इस गैर-जिम्मेदाराना बयान के लिए उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी. हमले के बाद से नेतन्याहू के खिलाफ देश में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.
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DNA TV Show: इजरायल-हमास संघर्ष बेंजामिन नेतन्याहू के लिए क्यों है अग्निपरीक्षा