डीएनए हिंदी: इराक में जारी प्रदर्शन अब बगदाद स्थित संसद (Iraq Parliament) तक पहुंच गया है. प्रदर्शनकारी संसद परिसर के अंदर घुस गए हैं और वहां हंगामा कर दिया है. इराक के हालात अब श्रीलंका जैसे हो गए हैं, जहां प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया था. इराक के लोग ईरान समर्थिक राजनीतिक पार्टियों की ओर से नामित प्रधानमंत्री (Nominee Prime Minister) चुने जाने के बाद प्रदर्शन पर उतर आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर लोग एक खास धार्मिक गुट के अनुयायी हैं.

सामने आई तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि सैकड़ों लोग इराक की संसद में घुसकर इराकी झंडा लहरा रहे हैं. कुछ तो टेबल-कुर्सियों पर चढ़ गए थे. इस दौरान कोई सांसद वहां मौजूद नहीं थी. वहां सिर्फ़ सुरक्षाकर्मी मौजूद थे लेकिन उन्होंने भी प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की. इससे पहले, ये प्रदर्शनकारी बगदाद के ग्रीन जोन के अभेद्य सुरक्षा घेरे को पार कर गए और इरान समर्थित पार्टियों की ओर से चुने गए नामित प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए देश की संसद में घुसने में भी कामयाब हो गए.

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सरकारी दफ्तरों में भी घुसे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और सीमेंट की दीवारों का इस्तेमाल किया लेकिन कई सारे लोग इन सारी बाधाओं को पार करने में कामयाब हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक, कई अन्य सरकारी दफ्तरों में भी प्रदर्शनकारी घुस गए हैं और अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

अक्टूबर में आम चुनाव के बाद से ही जारी हैं प्रदर्शन
आपको बता दें कि इराक में अक्टूबर 2021 में आम चुनाव हुए थे. उसके बाद से ही इराक में प्रदर्शन चल रहे हैं लेकिन अब इन प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया है और मामला देश की राजधानी और संसद तक पहुंच गया है. दरअसल, इरान समर्थित राजनीतिक पार्टियों ने अपने गठबंधन कोऑर्डिनेशन फ्रेमवर्क ब्लॉक की ओर से मोहम्मद अल-सुडानी को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है. ये पार्टियां शिया मुसलमानों की हैं. प्रदर्शनकारियों ने बगदाद के ग्रीन जोन में 'सुडानी, बाहर जाओ' के नारे भी लगाए.

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इराक के कार्यकारी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने शांति बनाए रखने और ग्रीन जोन में हो रहे प्रदर्शन को तत्काल खत्म करने की अपील की है. बताया जा रहा है कि इन प्रदर्शनकारियों में शामिल ज्यादातर लोग शियाओं के धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के समर्थक हैं. यहां यह बताना भी ज़रूरी है कि अक्टूबर में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद मुक्तदा अल-सदर ने राजनीतिक प्रक्रिया से बाहर होने का ऐलान किया था. इससे पहले, साल 2016 में भी अल-सदर के समर्थकों ने बगदाद के ग्रीन जोन और संसद पर धावा बोल दिया था.

इराक के पूर्व प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने अल-सुडानी को चुना था. हालांकि, इराक के नियमों के मुताबिक, आधिकारिक तौर पर अल-सुडानी को प्रधानमंत्री बनाए जाने से पहले सभी पार्टियों को राष्ट्रपति चुनना होगा. इराक का राष्ट्रपति बनने के लिए ज़रूरी बहुमत न जुटा पाने की वजह से मुक्तदा अल-सदर ने सरकार बनाने की बातचीत से खुद को बाहर कर लिया था.  

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Iraq की संसद में घुस गए प्रदर्शनकारी, श्रीलंका जैसे हुए हालात, जानिए क्या है माम
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इराक में तेज हुआ प्रदर्शन
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इराक में तेज हुआ प्रदर्शन

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Iraq की संसद में घुस गए प्रदर्शनकारी, श्रीलंका जैसे हुए हालात, जानिए क्या है मामला