अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से कई देशों के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है. अलग-अलग देशों के अलहदा तरीके से निपटा जा रहा है. चीन, कनाडा समेत कई अहम देशों के विरुद्ध ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ वार छेड़ रखा है. वहीं कई देशों पर राजनीतिक दवाब बनाया जा रहा है. इसी सियासी दवाब की जद में अब ईरान आ गया है. वहीं ईरान की ओर से भी ट्रंप प्रशासन को दो टूक सुना दिया गया है. ईरानी के मौजूदा राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने साफ किया है कि ईरान किसी भी हाल में अमेरिका के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्तालाप नहीं करेगा. ईरान के राष्ट्रपति को ओर से एक बड़ा स्टेटमेंट देते हुए कहा गया है कि ‘जो भी बन पड़े वो कर लो.’
राष्ट्रपति पेजेश्कियान की यूएस को दो टूक
वहीं इस दौरान ईरान की ओर रूस और चीन जैसे ताकतवर देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया गया है. ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियान की ओर से कहा गया हैं कि ‘ईरान ये कतई नहीं सहने वाला है कि उसे यूएस की तरफ से ऑर्डर और धमकियां पेश की जाए.’ उन्होंने आगे कहा कि ‘ईरान उनसे (US) वार्ता नहीं करने वाला है. जो बन पड़े वो कर लो.’
ट्रंप के दावे के बाद खामेनेई का भी आया बयान
ईरानी के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई की ओर से भी इसको लेकर स्टेटमेंट जारी किया जा चुका है. उन्होंने शनिवार को इस संदर्भ में अपनी बात रखी थी. उनकी ओर से कहा गया था कि ‘ईरान किसी प्रकार के प्रेशर में नहीं आने वाला है.’ उन्होंने अपना स्टेटमेंट यूएस के राष्ट्रपति का ईरान को लेकर दिए गए बयान के बाद दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से दावा किया गया था कि उन्होंने ईरान के संग एक नए एटॉमिक डील के मद्देनजर खमनेयी को एक खत लिखा है. वहीं ईरान का कहना है कि उन्हें इस तरह का कोई खत नहीं हासिल हुआ है.
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