Indus Water Treaty: भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराना सिंधु जल समझौता एक बार फिर चर्चा में है. इस बार भारत ने पाकिस्तान को सीधे शब्दों में चेतावनी दे दी है, अगर आतंकवाद नहीं रुका, तो पानी की धारा भी नहीं बहेगी. बता दें हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की विदेश नीति और अधिक आक्रामक दिखाई दे रही है. विदेश मंत्रालय ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट किया है कि सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने के जवाब में लिया गया है.
विदेश मंत्रालय का दो टूक संदेश
दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक बार फिर धमकी भरे सुर अपनाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर पानी के बंटवारे पर सहमति नहीं बनी, तो इसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा. साथ ही, उन्होंने कश्मीर विवाद को भी इस टकराव की जड़ बताया. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ किया कि सिंधु जल समझौता अब तब तक लागू नहीं होगा जब तक पाकिस्तान अपने आतंकवाद समर्थन को 'विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय' रूप से नहीं छोड़ देता. उन्होंने यह भी कहा कि यह संधि मूल रूप से सद्भावना और मित्रता की भावना से की गई थी, लेकिन पाकिस्तान की नीतियां अब इसके खिलाफ हैं.
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान को सैन्य मोर्चे पर करारा जवाब दिया. इसके बाद अब कूटनीतिक मोर्चे पर सिंधु जल संधि को रोकना पाकिस्तान पर दबाव बनाने का अगला कदम माना जा रहा है. भारत की इस नई रणनीति से साफ है कि अब केवल सीमा पर नहीं, कूटनीति के मोर्चे पर भी पाकिस्तान को जवाब दिया जाएगा. सिंधु जल संधि का स्थगन न केवल पाकिस्तान के लिए चेतावनी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह दिखाने का प्रयास है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर सख्ती से पीछे नहीं हटेगा.
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Indus Water Treaty Update
'आतंक पर लगाम नहीं, तो पानी नहीं...', सिंधु जल समझौते पर भारत की पाकिस्तान को दो टूक