डीएनए हिंदी: 4 दिसंबर को इंडोनेशिया से ज्वालामुखी फटने की खबर सामने आई है, जानकारी के मुताबिक इंडोनेशिया का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी माउंट सेमेरू (Mount Semeru) में अचानक एक बड़ा विस्फोट हुआ है और यह फट पड़ा.. इस ज्वालामुखी के फटने के कारण है 12 हजार फुट के पहाड़ों की चोटी से हवाएं चलने लगी. इससे अनेकों गैसों के निकलने के साथ ही विशाल मात्रा में लावा भी निकला है जिसने सभी को हैरान कर दिया है.
ज्वालामुखी फटने के बाद इससे गर्म राख और गैसों के साथ ही लावा चारों तरफ फैल गया. यह लावा कुछ ऐसे बह रहा था, मानों खेतों के बीच से कोई नदीं बह रही हो. जानकारों का कहना है कि यह ज्वालामुखी काफी लंबे समय से सुलग रहा था और बारिश के चलते उसमें विस्फोट हुआ जिससे उसका लावा फट पड़ा और एक भयंकर त्रासदी हुई है.
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लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहा प्रशासन
इस घटना को लेकर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा,"ज्वालामुखी के आसपास मौजूद कई गांव राख हो गए हैं. धुएं और राख की वजह से आसमान काला हो गया है. दिन में भी लोगों को लाइट जलानी पड़ रही है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. अब भी राहत एवं बचाव कार्य जारी है लेकिन लावा तेजी से निकल रहा है."
सबसे खतरनाक है माउंट सेमेरू ज्वालामुखी
आपको बता दें कि इंडोनेशिया में माउंट सेमेरू (Mount Semeru) पहाड़ राजधानी जकार्ता से 800 किलोमीटर दूर जावा में हैं. एहम बात यह है कि यहां केवल यही नहीं बल्कि कई ज्वालामुखी हैं जिससे यह एक संवेदनशील इलावा माना जाता है.दक्षिणपूर्व स्थित जावा में है. माउंट सेमेरू सबसे खतरनाक और सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है. इसके अलावा अहम बात यह भी है कि इंडोनेशिया में 121 सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हैं. पिछले साल भी माउंट सेमेरू में विस्फोट हुआ था.
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स्कूल में रखे गए लोग
माउंट सेमेरू विस्फोट से निकली राख, गर्म गैस और लावा की नदियां पहाड़ के नीचे 8 किलोमीटर तक बहकर नीचें आईं है. ऐसे राहत बचाव के कार्य के तहत स्थानीय लोगों को 20 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में सुरक्षित ले जाया गया है. सरकार ने बताया है कि ज्वालामुखी के डेंजर जोन में करीब 3 हजार मकान हैं. यहां रहने वाले सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है लेकिन बर्बादी बड़े स्तर पर हुई है.
धुएं और राख की बनी परत
विस्फोट की भयावहता की बात करें तो माउंट सेमेरू के विस्फोट के बाद राख और धुएं के बादल करीब 5,000 फीट तक घिर गए थे. इसके बाद लावा नीचे की ओर बहते हुए पास की नदी बेसुक कोबोकान में जा मिला. आपको बता दें कि दुनिया में इस वक्त कुल 1,500 एक्टिव ज्वालामुखी हैं. खास बात यह है कि इंडोनेशिया को फटते हुए ज्वालामुखियों का देश भी कहा जाता है.
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इंडोनेशिया में हैं सबसे ज्यादा ज्वालामुखी
दुनिया में सबसे ज्यादा सक्रिय यानी एक्टिव ज्वालामुखी इंडोनेशिया में हैं जिनकी संख्या 121 के करीब हैं. अहम बात यह है कि इनमें से 74 ज्वालामुखी 1800 से सक्रिय हैं. इनमें से 58 ज्वालामुखी साल 1950 से सक्रिय हैं जिनमें कभी भी बड़ा विस्फोट हो सकता है. क्राकटाउ, मेरापी, लेवोटोलोक, कारांगेटांग, सेमेरू, इबू और डुकोनो नाम के सात ज्वालामुखियों में 12 अगस्त 2022 के बाद से लगातार विस्फोट हो ही रहा है.
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इंडोनेशिया में फटा Mount Semeru ज्वालामुखी, नदियों में बहा लावा, देखिए तबाही का खौफनाक मंजर