डीएनए हिंदी: पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आरोपों का सामना कर रहे सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सुल्तान को मिली छूट का बचाव करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किए जाने से भारत नाराज है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मामले में अमेरिकी अधिकारी द्वारा पीएम मोदी का जिक्र किए जाने के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, "सच कहूं, तो मैं यह समझने में विफल हूं कि प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी (अमेरिकी अधिकारी को) कैसे प्रासंगिक या आवश्यक लगी."
अरिंदम बागची ने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए कहा, "हमारे दोनों देशों के बीच बहुत ही विशेष संबंध हैं जो और मजबूत हो रहे हैं तथा हम इसे और गहरा करने के लिए अमेरिका के साथ काम करने की आशा करते हैं."
पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर सऊदी युवराज को छूट दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने पिछले शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में कहा था कि यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने ऐसा किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित यह पूर्व में कई राष्ट्राध्यक्षों के लिए लागू किया गया है. बागची ने यह भी कहा कि दिसंबर में प्रधानमंत्री के अमेरिका जाने संबंधी खबरें भी गलत हैं. उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से दिसंबर में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा का कोई प्रस्ताव नहीं है. इस संबंध में मीडिया में आईं खबरें गलत हैं."
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अरिंदम बागची ने हाल ही में बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन के बीच संक्षिप्त द्विपक्षीय बैठक के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर और व्हाइट हाउस के प्रवक्ता के हवाले से "झूठी टिप्पणियों" के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट को भी खारिज किया. उन्होंने कहा, "हमने कुछ गलत सोशल मीडिया पोस्ट देखे हैं जिनमें झूठे बयानों को विदेश मंत्री से जोड़ा गया है, जिन्होंने प्रेस या सोशल मीडिया पर ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है. इसमें व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव का हवाला देते हुए भी गलत बयान दिए गए हैं. इसलिए, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि इस तरह की गलत सूचना पर विश्वास न करें."
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बागची ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाली शिखर सम्मेलन के दौरान कई मौकों पर बाइडन से मुलाकात की, जिसमें एक संक्षिप्त द्विपक्षीय बैठक और एक त्रिपक्षीय बैठक शामिल थी जिसमें इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो शामिल थे.उन्होंने कहा, "इन बातचीत के दौरान, उन्होंने कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. हमारी प्रेस विज्ञप्ति और ट्वीट के साथ-साथ बाली में विदेश सचिव की प्रेस वार्ता में इन सभी चर्चा के बारे में बताया गया."
(भाषा)
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