डीएनए हिंदी: भारत के गैर-बासमती चावल निर्यात पर बैन का असर वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है. महंगाई पर काबू पाने और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर जरूरी खाद्यान्न की कीमतें सीमा में रखने के लिए सरकार ने गैर-बासमती चावल निर्यात पर रोक लगा दी है. आईएमएफ ने केंद्र सरकार से एक्सपोर्ट पर से बैन हटाने का आग्रह किया है. इस बैन का असर अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी दिख रहा है. लोग पर्याप्त मात्रा में चावल स्टॉक जमा कर लेना चाह रहे हैं. इसके लिए चावल खरीदने के लिए दुकानों में भारी भीड़ जुट गई है और कई दुकानों पर स्टॉक खत्म भी हो गया है. कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्सों में चावल की कीमतें भी बढ़ गई हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो
ग्रॉसरी की दुकानों के बाहर चावल खरीदने के लिए लोगों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं और सोशल मीडिया पर इसके कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. एक्सपोर्ट बैन की वजह से अमेरिका और कनाडा में चावल की कीमतें भी बढ़ गई हैं. एशियाई और अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए चावल एक प्रमुख खाद्यान्न है. निर्यात बैन और रूस के खाद्य समझौता से बाहर आने की वजह से पूरी दुनिया में चावल समेत दूसरे प्रमुख खाद्यान्नों का संकट बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि कनाडा और अमेरिका के कुछ स्टोर्स में चावल की कीमतें काफी बढ़ गई हैं.
Rice bag NRIs standing in line to collect rice in the US,just like how they stand in front of a ration shop.pic.twitter.com/L0YqEwqrsa
— Брат (@B5001001101) July 25, 2023
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बता दें कि 20 जुलाई, 2023 को भारत सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्ट करने वाला मुल्क है. 40 फीसदी ग्लोबल एक्सपोर्ट पर भारत का कब्जा है. अमेरिका और कनाडा में बड़ी संख्या में एशियाई और अफ्रीकी मुल्क के लोग रहते हैं जिनके खाने में चावल का प्रमुख स्थान है. आईएमएफ ने रूस के खाद्य समझौते से बाहर निकलने के बाद भारत से एक्सपोर्ट पर से बैन हटाने का आग्रह किया है.
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चावल एक्सपोर्ट को लेकर सरकार ने की सख्ती
सरकार के गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट के फैसले का असर कुल 25 फीसदी एक्सपोर्ट पर अर पड़ सकता है. हालांकि उबले हुए गैर-बासमती चावल और बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं लगाया गया है. फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद सप्लाई दिक्कतों के चलते पूरी दुनिया में खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ गई थीं. गेहूं की कीमतें आसमान छू रही थी तो खाद्य तेलों की कीमतें भी बढ़ गई थी. अब चावल की कीमतें बढ़ने का अनुमान है.
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भारत के चावल निर्यात बैन से अमेरिका-कनाडा को टेंशन, दुकानों के बाहर लगी लंबी लाइन