अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में एक खबर छपी जिसमें दावा किया गया कि भारत मालदीव में सत्ता परिवर्तन का पूरा प्लान बनाकर बैठा है. भारत पर लगते ऐसे आरोपों का मालदीव के विपक्षी पार्टी के नेता और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशील ने खंडन किया है. उन्होंने इस रिपोर्ट से इनकार किया है और भारत के सपोर्ट में बात कही है.
सिलसिलेवार तरीके से समझें मामला
भारत के पड़ोसी देश मालदीव में लगभग एक साल पहले सत्ता परिवर्तन हुआ था. तब मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार शासन में आई थी, जिसे भारत विरोधी माना जा रहा था. मालदवी में नई सरकार बनने के साथ ही मुइज्जू सरकार के मंत्री भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते नजर आए. अब अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने एक विवादित खबर छापी है, जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशील ने उसका खंडन किया है.
क्या हैं भारत पर आरोप?
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट के जरिए भारत पर आरोप लगाए हैं कि मालदीव की विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की साजिश के लिए भारत से 6 मिलियन डॉलर की सहायता मांगी. रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एक एजेंट मालदीव के विपक्षी नेताओं के संपर्क में था, ताकि जनवरी में मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्हें सत्ता से हटाया जा सके. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने मालदीव की सत्ता गिराने के लिए 10 सीनियर नेता और पुलिस के अधिकारियों को भुगतान किया है. वहीं, रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि मालदीव के विपक्ष ने देश में मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देने के लिए 40 सांसदों को रिश्वत देने का प्रस्ताव रखा है. इसमें मोहम्मद मुइज्जू के पार्टी के सांसद भी शामिल है.
क्या बोले पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद?
अखबार के इन दावों पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने खंडन किया है. उन्होंने कहा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा, 'मैंने आज वॉशिंगटन पोर्ट की रिपोर्ट को दिलचस्पी के साथ पढ़ा. मुझे राष्ट्रपति के खिलाफ किसी भी साजिश की जानकारी नहीं है. हालांकि, मुझे कुछ लोग हमेशा साजिशों में विश्वास करते हैं. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और वहां कानून से शासित होने वाला समाज है. वहां किसी भी साजिश का समर्थन नहीं होगा. मेरा भारतीय सरकार और संस्थानों के सभी स्तरों के साथ 20 से अधिक वर्षों तक घनिष्ठ संबंध रहा है. मुझे लगता है कि भारत दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान करता है, चाहे भले ही आप उनसे असहमत हों.' उन्होंने आगे कहा, 'भारत अपने धारणाओं और विश्वास को दूसरे देशों और वहां की राजनीतिक पार्टियों और नेताओं पर नहीं थोपता है.'
I read with interest today’s @washingtonpost article. I was unaware of any serious plot against the President; tho some ppl always live in conspiracy. India would never back such a move, as they always support Maldives’ democracy. India has never dictated terms to us, either.
— Mohamed Nasheed (@MohamedNasheed) December 30, 2024
क्या है भारत का पक्ष
भारत पर मालदीव में जिस तथाकथित तख्तापलट की साजिश के आरोप लगे हैं उस पर अभी विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं है. हालांकि, सरकारी सूत्रों ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव के रिश्ते हाल के दिनों में बेहतर और मजबूत हुए हैं.
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'भारत मालदीव में सत्ता परिवर्तन का पूरा प्लान बनाकर बैठा है' मुइज्जू को पद से हटाने के दावों पर पूर्व राष्ट्रपति का तगड़ा जवाब