डीएनए हिंदी: ईरान (Iran) में जहां महिलाएं हिजाब का विरोध कर रही हैं तो दूसरी ओर सरकारें और कट्टरपंथी महिलाओं के खिलाफ हिंसक हो गए हैं. ऐसी ही एक 22 वर्षीय ईरानी महिला महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में ठीक से हिजाब नहीं पहनने के कारण मौत के घाट उतार दिया गया जिससे महिलाओं के मन में हिजाब के प्रति गुस्सा और भड़क गया है. महसा के समर्थन और प्रशासन समेत सरकार के विरोध में चल रहा आंदोलन तेज हो गया है. इन विरोधों के बीच महसा अमीनी के पिता ने उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने महसा के शव पर आखिरी बार पढ़ी जाने वाली प्रार्थना भी नहीं की.
इसके साथ ही अपनी बेटी की मौत पर आक्रोशित पिता ने कहा, "तुम्हारे इस्लाम ने उसे मार दिया और अब तुम उसके लिए प्रार्थना करने आए हो? शर्म नहीं आती तुम्हें? तुमने उसे दो बालों के लिए मार डाला! अपना इस्लाम लो और जाओ. महसा के पिता के आक्रोश वाला यह वीडियो वायरल हो रहा है.
Britain में हिंदू मंदिरों पर हमले से भारत चिंतित, जयशंकर ने UN में ब्रिटिश मंत्री को चेताया
हिजाब सही से न पहनने का लगाया आरोप
22 साल की महसा अमीनी को तथाकथित नैतिक पुलिस द्वारा 13 सितंबर को हिरासत में लिया गया था, जब अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से उसके हिजाब पहनने के तरीके में गलती पाई थी. ऐसे में थोड़ी देर बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें आपातकालीन सेवाओं के सहयोग से तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अल जज़ीरा ने इस मामले में बताया है कि शुक्रवार को महसा की मौत हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक महसा के परिवार से बात करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलिस ने अमीनी को पकड़ लिया और उसे एक पुलिस वाहन के अंदर जबरदस्ती ठूंस कर बिठाया. उसके भाई कियाराश ने हस्तक्षेप किया लेकिन पुलिस ने उसे बताया कि वे उसकी बहन को सबक सिखाने के लिए एक घंटे के लिए लेकर जा रहे हैं.
Iran Hijab Protest: अब तक 31 प्रदर्शनकारियों की मौत, बढ़ रहा हिंसक संघर्ष
पुलिस ने बताया हार्टअटैक
उसका भाई पुलिस स्टेशन के बाहर उसकी रिहाई का इंतजार कर रहा था लेकिन एक एम्बुलेंस से उसकी बहन को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पुलिस ने कहा, "महिला को मार्गदर्शन और शिक्षा के लिए ग्रेटर तेहरान पुलिस परिसर में भेजा गया था, जब अचानक अन्य लोगों की उपस्थिति में उसे दिल का दौरा पड़ा.
परिजनों ने बोल हमला
महसा के परिवार ने कहा कि वह सामान्य थी और पहले से कोई हृदय रोग नहीं था. इसके साथ ही परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. इस मामले में मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा, "22 वर्षीय युवती महसा अमिनी की हिरासत में संदिग्ध मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए क्योंकि उसके साथ पुलिस ने दुर्वव्यवहार किया गया था." संगठन ने कहा, "तेहरान में तथाकथित 'नैतिकता पुलिस ने देश के अपमानजनक और भेदभावपूर्ण जबरन ढकने वाले कानूनों को लागू करते हुए उसकी मौत से तीन दिन पहले उसे मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर लिया था. सभी एजेंटों और जिम्मेदार अधिकारियों को न्याय का सामना करना चाहिए."
एंकर ने नहीं पहना Hijab तो इंटरव्यू छोड़कर चले गए ईरानी राष्ट्रपति
जांच का दिया जा रहा आश्वासन
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर रोष फैल गया है. ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने आंतरिक मंत्री को मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिए हैं. वहीं कई सांसदों ने कहा कि वे इस मामले को संसद में उठाएंगे, जबकि न्यायपालिका ने कहा कि यह जांच के लिए एक विशेष कार्यबल बनाएगी. औपचारिक रूप से गश्त-ए इरशाद (मार्गदर्शन गश्ती) के रूप में जानी जाने वाली नैतिकता पुलिस के आचरण को लेकर ईरान के अंदर और बाहर बढ़ते विवाद के बीच अमिनी की मौत हुई है जिससे उसकी कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
महसा अमीनी की मौत पर भावुक पिता ने कट्टरपंथियों पर उठाए सवाल, ईरान में हिंसक हुआ विरोध प्रदर्शन