डीएनए हिंदी: श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे गोटबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था. देश में जारी प्रदर्शनों की वजह से गोटबाया राजपक्षे पर इतना दबाव बना कि वह श्रीलंका से मालदीव चले गए थे. अब सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि श्रीलंका में लगभग स्थिर हो चुके हालात को देखते हुए गोटबाया राजपक्षे अपने देश लौट आने की तैयारी कर रहे हैं. फिलहाल वह थाईलैंड के एक होटल में रह रहे हैं. इससे पहले यह भी कहा जा रहा था कि वह अमेरिका में बसने की तैयारी कर रहे हैं और ग्रीन कार्ड (US Green Card) मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
गोटबाया राजपक्षे जब श्रीलंका से फरार हुए तो सबसे पहले मालदीव गए. उन्होंने मालदीव में ही शरण लेने की कोशिश की लेकिन वहां दाल नहीं गली. इसके बाद, वह सिंगापुर और थाईलैंड गए. हालांकि, इन दोनों देशों ने भी गोटबाया राजपक्षे को शरण देने से इनकार कर दिया. हर देश में वीजा की अवधि समाप्त होने पर गोटबाया राजपक्षे को वह देश छोड़कर अगला ठिकाना खोजना पड़ा.
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अमेरिका में भी बसने की थी तैयारी
कई देशों से नकारे जाने के बाद गोटबाया राजपक्षे ने अमेरिका से भी उम्मीद लगाई. दरअसल, उनकी पत्नी लोमा राजपक्षे के पास अमेरिका की नागरिकता है. इसी वजह से गोटबाया के वकीलों ने ग्रीन कार्ड हासिल करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी. हालांकि, कहा जा रहा है कि अमेरिका भी इस मामले में काफी सतर्क है और शायद ही वह गोटबाया राजपक्षे को शरण देने को तैयार होगा.
क्यों फरार हुए थे गोटबाया राजपक्षे?
श्रीलंका सरकार की नीतियों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था इस कदर औंधे मुंह गिरी कि खाने-पीने का अकाल पड़ गया. पैसों की कमी के चलते श्रीलंका डीजल-पेट्रोल तक नहीं खरीद पा रहा था. गरीबी, भुखमरी और महंगाई से जूझती श्रीलंका की जनता का सब्र जवाब दे गया और वह सड़कों पर उतर आई. जनता का गुस्सा इस कदर बरपा की पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के घर पर जनता ने हमला कर दिया और आग लगा दी.
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कुछ दिनों के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा फिर से उबल पड़ा और इस बार राष्ट्रपति के सरकारी आवास पर ही जनता ने धावा बोल दिया. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले तो गोटबाया राजपक्षे सुरक्षित स्थान पर चले गए और जब उन्हें लगा कि अब उन्हें पद छोड़ना ही पड़ेगा तो वह देश से बाहर चले गए और राष्ट्रपति पद से अपना इस्तीफा भी वहीं से ईमेल के ज़रिए भेजा.
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कई देशों के काटे चक्कर, कहीं नहीं मिली शरण, आखिर श्रीलंका लौटने वाले हैं 'फरार' हुए गोटबाया राजपक्षे