अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण (Donald Trump Swearing In) कार्यक्रम के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. हालांकि, भीषण ठंड को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण कार्यक्रम यूएस कैपिटॉल के अंदर किया जा रहा है. 40 साल बाद यह मौका है कि शपथ ग्रहण समारोह बाहर खुले में आयोजित नहीं होगा. कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पूरी दुनिया के दिग्गज जुटेंगे. ट्रंप अपनी मां की दी गई बाइबल से ही शपथ लेंगे. भारत की तरफ से इस कार्यक्रम में आधिकारिक तौर पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर हिस्सा लेंगे.
सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ट्रंप ने दी जानकारी
डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (17 जनवरी) को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम के वेन्यू में बदलाव की जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'इस वक्त देश में आर्कटिक तूफान चल रहा है. ऐसे हालात में मैं नहीं चाहता कि लोगों की सुरक्षा प्रभावित हो और वो घायल या आहत हों. इसलिए यह तय किया गया है कि प्रार्थना और दूसरे भाषणों के अलावा उद्घाटन भाषण भी संयुक्त राज्य अमेरिका कैपिटल रोटुंडा में ही दिया जाएगा.'
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40 साल पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने भी खराब मौसम की वजह से रोटुंडा में ही राष्ट्रपति भाषण दिया था. यह सम्मेलन पहले यूएस कैपिटॉल के बाहर नेशनल मॉल में होने वाला था. हालांकि, अब अंदर हॉल में इसका आयोजन होगा. कार्यक्रम में देश-विदेश की नामी हस्तियों के जुटने का अनुमान है. इसके अलावा, भारी संख्य में समर्थक भी जुटेंगे. एरिना स्क्रीन पर आम लोग शपथ ग्रहण कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देख सकते हैं.
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Donald Trump के शपथ ग्रहण कार्यक्रम का वेन्यू बदला, 40 साल बाद US Capitol के अंदर क्यों हो रहा कार्यक्रम?