डीएनए हिंदी: ताइवान को लेकर अमेरिका (America) और चीन (China) आमने-सामने नजर आ रहे है. चीन ने ताइवान से नजदीकी बढ़ाने को लेकर अमेरिका को आगाह किया है. दरअसल, ताइवान और अमेरिका के बीच कुछ साझेदारी चल रही है. इसी के मद्देनजर हाल ही में ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई अमेरिका दौरे पर गए थे. इससे ड्रैगन तिलमिला उठा और अमेरिका को आग से न खेलने की चेतावनी दे डाली.

सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर अमेरिका को चेताया है कि वह चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल ना करे. अन्यथा परिणाम बुरे होंगे. चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू ने कहा कि ताइवान को चीन की भूमि से फिर से जोड़ना जरूरी है. उन्होंने ताइवान को अपना आंतरिक मुद्दा बताया. शांगफू ने कहा कि इस मामले में वह किसी की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू ने साफ तौर पर कहा कि ताइवान के मुद्दे पर अगर कोई दखलअंदाजी करेगा तो वह आग से खेलने वाली बात होगी. शांगफू ने कहा कि अमेरिका, ताइवान के साथ मिलकर चीन को रोकना चाहता है, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम रही है. ताइवान, चीन के साथ फिर से एक होकर रहेगा.

दक्षिण चीन सागर पर निर्माण कर रही चीन
गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर के एक विवादित द्वीप पर चीन निर्माण कर रहा है. इस द्वीप पर वियतनाम और ताइवान भी दावा करते हैं. इसकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं. ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने उपग्रह तस्वीरों का विश्लेषण किया है. पारासेल द्वीपसमूह के ट्राइटन द्वीप पर यह निर्माण कार्य किया जा रहा है. इससे पहले चीन ने स्प्रैटली द्वीपसमूह के 7 मानव निर्मित द्वीपों पर निर्माण किया जहां हवाई पट्टियों, जहाजों के ठहरने के लिए गोदी और सैन्य प्रणालियों की व्यवस्था है. दूसरे देशों के दावों को खारिज करते हुए चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता है.

विश्लेषण के अनुसार, प्लैनेट लैब्स पीबीसी की उपग्रह तस्वीरों में हवाई पट्टी पर निर्माण पहली बार अगस्त की शुरुआत में दिखाई देता है. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रनवे 600 मीटर से अधिक लंबा होगा, जिस पर टर्बोप्रॉप विमान और ड्रोन आसानी से उतर सकते हैं. हालांकि, लड़ाकू या बमवर्षक विमानों का यहां से परिचालन नहीं हो सकेगा. द्वीप के अधिकांश हिस्से में बड़ी संख्या में वाहनों के निर्माण के लिए रास्ते भी दिखाई दे रहे हैं. साथ ही कंटेनर और निर्माण उपकरण भी दिखे हैं. ट्राइटन पारासेल द्वीपसमूह के प्रमुख द्वीपों में से एक है, जो वियतनाम के तट और चीन के द्वीपीय प्रांत हैनान से लगभग समान दूरी पर है. अमेरिका ने चीन के दावे पर कोई रुख नहीं अपनाया है, लेकिन वह चीनी कब्जे वाले द्वीपों के पास ‘‘नौवहन संचालन की स्वतंत्रता’’ के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए नियमित रूप से अपनी नौसेना के जहाज भेजता है.

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इस द्वीप पर चीन ठोकता है अपना दावा
2018 में अमेरिका के एक मिशन के केंद्र में ट्राइटन था. द्वीप पर चीन के एक हेलीपैड और रडार प्रणाली के साथ एक छोटा बंदरगाह और इमारतें हैं. द्वीप पर दो बड़े मैदानों पर चीनी ध्वज लगा हुआ है. चीन का कहना है कि निर्माण का उद्देश्य वैश्विक नौवहन सुरक्षा में मदद करना है. उसने अपने द्वीप निर्माण कार्य के संबंध में और विवरण देने से इनकार कर दिया है. चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है कि वह महत्वपूर्ण जलमार्ग का सैन्यीकरण कर रहा है, जिसके माध्यम से सालाना करीब पांच ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है. चीन का कहना है कि उसे अपने संप्रभु क्षेत्र में जो चाहे करने का अधिकार है. चीन ने 1974 में एक संक्षिप्त नौसैनिक संघर्ष में वियतनाम से पारासेल द्वीपसमूह का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था.

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China warning to america regarding taiwan conflict construction on the south china sea
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ताइवान को लेकर भड़का चीन, अमेरिका को चेतावनी 'आग के साथ न खेले'
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