डीएनए हिंदीः ब्राजील (Brazil) में आम चुनाव के लिए रविवार को वोटिंग की गई. इसमें जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) और लूला दा सिल्वा (Lula Da Silva) के बीच बड़ी टक्कर देखने को मिली. मतदान खत्म होने के बाद 97 फीसदी वोटों की गिनती भी हो चुकी है. इसमें लूला दा सिल्वा को 48.1 प्रतिशत और जायर बोल्सोनारो को 43.5 प्रतिशत वोट मिले. इसके बाद भी लूला दा सिल्वा राष्ट्रपति नहीं बन पाए. अधिकांश सर्वे में भी इन्हें आगे दिखाया जा रहा था.
जीत के लिए 50 फीसदी वोट जरूर
दुनिया के चौथे सबसे बड़े लोकतंत्र ब्राजील में जीत के लिए 50 फीसदी वोट जरूर होते हैं. अगर किसी भी प्रत्याशी को इससे कम वोट मिलते हैं तो चुनाव दोबारा किया जाता है. पहले दौर में कोई विजेता नहीं निकला है ऐसे में अब राष्ट्रपति पद की लड़ाई दूसरे दौर में पहुंचेगी. हाल में कराए गए कई चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में लूला डा सिल्वा को लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया था. सर्वेक्षणों में हिस्सा लेने वाले 50 प्रतिशत लोगों ने लूला डा सिल्वा का समर्थन किया जबकि 36 प्रतिशत लोगों ने जेयर बोलसोनारो का समर्थन किया था. बता दें कि इससे पहले रविवार को मतदान के दौरान लूला और बोल्सोनारो के समर्थक आपस में भिड़ गए.
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दोबारा होंगे आमने-सामने
अब 30 अक्टूबर को लूला और बोल्सोनारो फिर एक बार आमने-सामने होंगे. रविवार को मतदान के दौरान दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच जुबानी जंग देखने को मिली. इसके साथ ही कुछ हिंसक घटनाएं भी हुईं. तो वहीं, बोल्सोनारो ने कहा है कि हमने ओपिनियन पोल्स के झूठ को हरा दिया है. राष्ट्रपति की इस दौड़ में कई और लोग भी शामिल हैं लेकिन टक्कर लूला और बोल्सोनारो के बीच है.
ब्राजील में 4 साल में होता है चुनाव
बता दें कि ब्राजील में हर 4 साल में चुनाव होता है. राष्ट्रपति के साथ ही वोटर सभी 26 राज्यों के गवर्नर और सीनेटर के लिए वोट करते हैं. ब्राजील में मौजूदा राष्ट्रपति बोल्सोनारो (Bolsonaro) को खिलाफ लोग विरोध में उतरे हुए हैं. उन पर भड़काऊ भाषण का भी आरोप लगा है.
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48 फीसदी वोट... सर्वे में भी सबसे आगे, ब्राजील के राष्ट्रपति क्यों नहीं बन पाए Lula Da Silva